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Tamil Nadu: सीएम स्टालिन ने कहा- GST मुआवजा अवधि दो वर्ष तक बढ़ाने की अपील की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने शनिवार केंद, सरकार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की अवधि को दो वर्ष तक बढ़ने की अपनी मांग दोहराई।

04:42 PM Sep 03, 2022 IST | Desk Team

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने शनिवार केंद, सरकार से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की अवधि को दो वर्ष तक बढ़ने की अपनी मांग दोहराई।

GST पर वस्तु एवं सेवा कर मुआवजे की अवधि को बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने औपचारिक तौर से स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मुआवजे की अवधि को पूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए अपनी मांग को दोहराई हैं। 
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 स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरुवनंतपुरम में हो रही 30 वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में तमिलनाडु से संबंधित कुछ प्रमुख मांगों को रखा।उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य सरकारों की वित्तीय स्वायत्तता काफी हद तक प्रतिबंध है। इसलिए मुआवजे की अवधि को दो वर्ष तक बढ़या जाना चाहिए।उन्होंने यह भी कहा कि आपदा राहत कोष और ऐसे अन्य कोष तुरंत जारी किए जाएंगे।उन्होंने श्री शाह से तमिलनाडु को नीट के दायरे से बाहर करने के विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु अंडरग्रेजुएट मेडिकल डिग्री में प्रवेश के लिए पाठ्यक्रम विधेयक’’ के बारे में बात करना चाहता हूं। जिसे तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया गया है और केंद, सरकार की सहमति के लिए लंबित है। मैं केंद्रीय गृहमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं ताकि उपरोक्त विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल सके।’’ मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डों के बारे में कहा कि आम तौर पर राज्य सरकारें हवाई अड्डों की स्थापना के लिए भूमि का अधिग्रहण और हस्तांतरण केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण/भारत सरकार बाद की तारीख में संपत्ति को किसी तीसरे पक्ष को हस्तांतरित करती है, तो राज्य द्वारा किए गए भारी निवेश को देखते हुए प्राप्त मूल्य को आनुपातिक रूप से राज्य सरकार के साथ साझा किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैकल्पिक रूप से भूमि के मूल्य को एक विशेष प्रयोजन वाहन के माध्यम से राज्य सरकार की इक्विटी के रूप में परिवर्तित किया जाना चाहिए।’’ 
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