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तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री से श्रीलंका के खिलाफ कदम उठाने का किया अनुरोध

तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रविवार को अनुरोध किया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जवाबदेही और मेल-मिलाप प्रस्ताव आदि के संबंध में श्रीलंका के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।

11:34 PM Mar 21, 2021 IST | Shera Rajput

तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रविवार को अनुरोध किया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जवाबदेही और मेल-मिलाप प्रस्ताव आदि के संबंध में श्रीलंका के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।

तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री से श्रीलंका के खिलाफ कदम उठाने का किया अनुरोध
तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रविवार को अनुरोध किया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जवाबदेही और मेल-मिलाप प्रस्ताव आदि के संबंध में श्रीलंका के खिलाफ कदम उठाने चाहिए। 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक में प्रस्ताव पर श्रीलंका को भारत से समर्थन मिलने की आशा है, ऐसी खबरों के बीच द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी से तमिलों और तमिलनाडु के लोगों को बहुत सदमा पहुंचा है। 
एमडीएमके और पीएमके ने भी प्रस्ताव पर श्रीलंका के खिलाफ भारत से समर्थन की मांग की है। 
हाल ही में श्रीलंका ने आशा जतायी है कि जब वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अपना जवाबदेही और मेल-मिलाप संबंधी ताजा प्रस्ताव रखेगा तो उसे भारत का साथ मिलेगा। 
स्टालिन ने कहा कि भारत को श्रीलंका के पक्ष में कदम नहीं उठाना चाहिए क्योंकि वह श्रीलंकाई तमिलों के साथ ‘अन्याय होगा।’’ 
उन्होंने एक बयान में कहा कि भारत को जवाबदेही और मेल-मिलाप संबंधी प्रस्ताव पर श्रीलंका के खिलाफ मतदान करना चाहिए। 
एमडीएमके प्रमुख और राज्यसभा सदस्य वाइको ने कहा कि भारत को श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव का साथ देना चाहिए और भाजपा-नीत केन्द्र सरकार को तमिलों की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 
पीएमके नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अंबूमणि रामदास ने भी प्रस्ताव में श्रीलंका के खिलाफ जाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि भारत को मानवाधिकार और शांति के पक्ष में खड़ा होना चाहिए।
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