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जानिए कैसे 3 साल पहले लापता हुए पति को खोज निकाला TikTok विडियो ने

सोशल मीडिया साइट के जरिए बिछड़ों के मिलने की दास्तान तो आपके अक्सर सुनी होगी। लेकिन इस बार जो हुआ वह वाकया में कमाल का है।

11:28 AM Jul 03, 2019 IST | Desk Team

सोशल मीडिया साइट के जरिए बिछड़ों के मिलने की दास्तान तो आपके अक्सर सुनी होगी। लेकिन इस बार जो हुआ वह वाकया में कमाल का है।

सोशल मीडिया साइट के  जरिए बिछड़ों के मिलने की दास्तान तो आपके अक्सर सुनी होगी। लेकिन इस बार जो हुआ वह वाकया में कमाल का है। बता दें कि मोबाइल ऐप जो इन दिनों हर किसी के सिर चढ़कर बोल रही है वह कुछ और नहीं बल्कि टिकटॉक है। ये घटना तमिनाडु के विल्लुपुरम का है। सुरेश नाम का शख्स जो करीब 3 साल पहले अपनी पत्नी जयाप्रदा और परिवार को छोड़कर लापता हो गया था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि टिकटॉक ऐप से बैन हटकार वैसे ठीक ही किया। क्योंकि इस शख्स का पता टिकटॉक के जरिए ही हुआ है। 
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शिकायत दर्ज करवाई थी 2016 में

मिली जानकारी के अनुसार सुरेश नाम का ये शख्स करीब तीन साल पहले यानि 2016 में अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़कर कहीं चला गया था। खबरों के मुताबिक तब पत्नी जयाप्रदा ने सुरेश के लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई थी। पुलिस ने सुरेश की तलाश भी करी लेकिन वह किसी के हाथ नहीं लग सके।

सुरेश एक रिश्तेदार की वीडियो में आए नजर

टाइम निकलता गया। इसी बीच अब 3 साल बाद जयाप्रदा के किसी रिश्तेदार ने उन्हें एक वीडियो दिखाया। इस टिक-टॉक वीडियो में एक शख्स था जो बिल्कुल सुरेश की तरह नजर आ रहा था। जयाप्रदा ने अपनी आशंका की पुष्टि करने के लिए उस रिश्तेदार को ये वीडियो भेजा। जया ये वीडियो देखकर काफी ज्यादा खुश हो गई क्योंकि वीडियो में दिख रहा शख्स उनका पति सुरेश ही था। 

सुरेश होसुर में रह रहा था किन्नर के साथ

इसके बाद अपने रिश्तेदार के साथ जयाप्रदा पुलिस स्टेशन पहुंची। पुलिस ने जब वीडियो ट्रेस  की तो वह होसुर की निकली तब सुरेश का पता लगा लिया। ऐसा बताया जा रहा है कि सुरेश होसुर में एक मैकेनिक के तौर पर काम कर रहा था। यही नहीं वहां पर उनका एक किन्नर के साथ संबंध भी था। इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीडियो मेंवक किन्नर भी थी। उसके बाद हमने सुरेश को विल्लुपुरम के ट्रांसजेंडर एसोसिएशन की मदद से ट्रेस  किया। 
ये खबर इसलिए भी वायरल हो रही है क्योंकि टिकटॉक हमेशा से ही पुलिस के लिए परेशानी ही लेकर आती है। युवा वायरल वीडियो बनाने के चक्कर में अपनी जान गवां देते हैं। ऐसे में यह पहली बार है जब टिकटॉक के जरिए कुछ अच्छा काम सिद्घ हो पाया है और पुलिस को मदद मिली है। 
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