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Tata MD ने RT-PCR जांच से ओमीक्रोन का पता लगाने वाली किट विकसित की

टाटा मेडिकल ऐंड डायग्नोस्टिक ने ओमीस्योर नामक किट विकसित की है जिसकी मदद से कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप का पता नाक और गले से लिए गए नमूने की आरटी-पीसीआर जांच के साथ लगाया जा सकता है।

02:28 AM Jan 05, 2022 IST | Shera Rajput

टाटा मेडिकल ऐंड डायग्नोस्टिक ने ओमीस्योर नामक किट विकसित की है जिसकी मदद से कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप का पता नाक और गले से लिए गए नमूने की आरटी-पीसीआर जांच के साथ लगाया जा सकता है।

टाटा मेडिकल ऐंड डायग्नोस्टिक (टाटा एमडी) ने ‘‘ओमीस्योर’’ नामक किट विकसित की है जिसकी मदद से कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप का पता नाक और गले से लिए गए नमूने की आरटी-पीसीआर जांच के साथ लगाया जा सकता है। कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
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टाटा एमडी के अनुंसधान और विकास प्रकोष्ठ के प्रमुख रवि वसंतपुरम ने बताया कि यह जांच किट सभी मानक रियल टाइम पीसीआर मशीन में जांच करने के लिए अनुकूल है, पहला लक्ष्य एस जीन ड्रॉपआउट या एस जीन लक्षित विफलता (एसजीटीएफ) पर आधारित है और दूसरा लक्ष्य एस जीन उत्परिवर्तन प्रवर्धन (एसजीएमए) पर आधारित है।
यह किट ओमीक्रोन के साथ ही अबतक सामने आए कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों का भी लगा सकती है पता
उन्होंने बताया, ‘‘यह किट ओमीक्रोन के साथ ही अबतक सामने आए कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों का भी पता लगा सकती है। मौजूदा समय में ओमीक्रोन का पता केवल आनुवंशिकी अनुक्रमण के जरिये ही लगाया जा सकता है।लेकिन यह किट उस चरण को खत्म करने और जांच के दौरान ही स्वरूप का पता लगाने में मदद कर सकती है।’’
30 दिसंबर को ओमीस्योर को मिली मंजूरी 
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईएमआरसी) के मुताबिक उसने 30 दिसंबर को ‘ओमीस्योर’को मंजूरी दे दी है।
वसंतपुरम ने बताया कि इस किट को कोरोना वायरस के नए स्वरूप का ‘‘ सीधे और अति विशिष्ट तरीके से पता लगाने के लिए विकसित किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि इस किट से परीक्षण समय 85 मिनट है और नमूनों को लेने से लेकर आरएनए अलग करने तक सभी कार्य करने के बाद 130 मिनट में नतीजे आ सकते हैं।
वसंतपुरम ने बताया कि मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर या तो एसजीटीएफ या एसजीएमए के आधार पर जांच हो रही है लेकिन यह विशेष है क्योंकि इसे दोनों तरह की जांच के लिए बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसलिए इसमें ओमीक्रोन का पता लगाने के लिए दो जांच है और वह भी कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की जांच क्षमता से समझौता किए बिना।
वाणिज्यिक आधार पर किट के उत्पादन के सवाल पर वसंतपुरम ने कहा कि कंपनी ने लाइसेंस के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के पास आवेदन किया है।
किट का उत्पादन जल्द करेगी शुरू 
उन्होंने कहा कि सीडीएससीओ से लाइसेंस मिलने के बाद टाटा एमडी तमिलनाडु श्रीपेरम्बदुर स्थित कारखाने से किट का उत्पादन शुरू कर देगी। वसंतपुरम ने बताया कि मौजूदा समय में रोजाना दो लाख किट बनाने की क्षमता है लेकिन योजना जनवरी के तीसरे सप्ताह से यह क्षमता पांच से 10 लाख रोजाना तक करने की है।
उन्होंने कहा, ‘‘किट का उत्पादन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों के लिए किया जाएगा।’’ वसंतपुरम ने किट की कीमत को लेकर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि यह प्रतिस्पर्धी और मौजूदा आरटी-पीसीआर जांच के करीब होगी।
कंपनी ने इस किट का पेटेंट कराने के लिए 23 दिसंबर को आवेदन किया था।
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