टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

टाटा स्टारबक्स 4.51 करोड़ की मुनाफाखोरी की दोषी

टाटा स्टारबक्स के प्रवक्ता ने कहा जिम्मेदार संगठन के रूप में कंपनी अपना कारोबार नैतिकता के साथ करती है ओर सभी स्थानीय कानूनों और नियमनों का अनुपालन करती है।

01:18 PM May 01, 2019 IST | Desk Team

टाटा स्टारबक्स के प्रवक्ता ने कहा जिम्मेदार संगठन के रूप में कंपनी अपना कारोबार नैतिकता के साथ करती है ओर सभी स्थानीय कानूनों और नियमनों का अनुपालन करती है।

नई दिल्ली : टाटा स्टारबक्स को कर में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को न देकर 4.51 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी करने का दोषी पाया गया है। जीएसटी की जांच इकाई ने पाया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती के बाद भी कंपनी ने कॉफी के दाम नहीं घटाकर मुनाफाखोरी की है। मुनाफाखोरी महानिदेशालय (डीजीएपी) की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि टाटा और वैश्विक कॉफी श्रृंखला स्टारबक्स की समान हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम ने अपनी एक कॉफी के दाम तब बढ़ाए जबकि जीएसटी परिषद ने रेस्तरांओं पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया था।

Advertisement

यह दर 15 नवंबर, 2017 से लागू हुई थी। इससे इस उत्पाद का खुदरा बिक्री मूल्य जीएसटी दर में कटौती से पहले जितना ही रहा। सूत्रों ने बताया कि डीजीएपी ने अपनी जांच मार्च में पूरी की। जांच में पाया गया कि कंपनी ने 4.51 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी की है। अब इस मामले की सुनवाई राष्ट्रीय मुनाफाखोरी प्राधिकरण (एनएए), जो मुनाफाखोरी की राशि पर अंतिम आदेश जारी करेगा।

इस बारे में टाटा स्टारबक्स के प्रवक्ता ने कहा कि एक जिम्मेदार संगठन के रूप में कंपनी अपना कारोबार पूरी नैतिकता के साथ करती है ओर सभी स्थानीय कानूनों और नियमनों का अनुपालन करती है। कंपनी अक्टूबर, 2012 में भारतीय बाजार में उतरी थी। फिलहाल वह मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, चंडीगढ़, पुणे और कोलकाता में 140 आउटलेट्स चलाती है।

Advertisement
Next Article