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अगर घर में रखी नकदी तो लगेगा 84% टैक्स! जानें इस दावे में कितनी सच्चाई और क्या कहते हैं नियम?

07:49 PM Dec 12, 2025 IST | Amit Kumar
Tax on Cash at Home (credit-sm)

Tax on Cash at Home: कई लोगों में हाल ही के दिनों में बड़ी अजीब तरह की चिंता सता रही है। दरअसल लोगों का मानना है कि अगर वे घर में नकद रूप से पैसा रखते हैं तो उन पर 84% तक का भारी टैक्स और जुर्माना लगाया जा सकता है। लेकिन टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार यह बात पूरी तरह सही नहीं है।

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Tax on Cash at Home: जानें दावे में कितनी है सच्चाई?

सिर्फ घर में कैश रखने से कोई सीधा टैक्स या पेनल्टी नहीं लगती। यह अतिरिक्त टैक्स और जुर्माना तभी लागू होता है जब आप उस नकदी का स्रोत इनकम टैक्स विभाग को स्पष्ट नहीं कर पाते और वह पैसा अस्पष्टीकृत आय (Unexplained Income) की श्रेणी में आ जाता है।

Tax on Cash at Home (credit-sm)

Income Tax Cash Limit: 84% टैक्स और जुर्माना कब लगाया जाता है?

टैक्स विशेषज्ञ बताते हैं कि 84% का भारी जुर्माना इनकम टैक्स एक्ट की खास धाराओं से जुड़ा है, सेक्शन 68, 69, 69A और 69B। इन धाराओं का उपयोग तब होता है जब, बैंक खाते में जमा कैश को साबित नहीं किया जा सके। घर या व्यवसाय में मिली नकदी का स्रोत स्पष्ट न हो। वहीं किसी संपत्ति या निवेश के लिए दिया गया पैसा घोषित आय से मेल न खाए यानी, जब आप यह नहीं बता पाते कि पैसा कहां से आया है, तभी इसे अस्पष्टीकृत आय (Unexplained Income) माना जाता है और कड़ी कार्रवाई होती है।

Cash Transaction Rules: अस्पष्टीकृत आय पर 78% टैक्स कैसे लगता है?

अस्पष्टीकृत आय पर टैक्स लगाने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने धारा 115BBE लागू की है। यह नियम 2012 में लाया गया था। इसके तहत:

इन्हें जोड़ने पर कुल टैक्स दर करीब 78% बन जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस आय पर न तो कोई कटौती मिलती है और न ही आप किसी तरह के नुकसान (Loss Set-off) को एडजस्ट कर सकते हैं। यानी पूरी राशि पर सख्त टैक्स देना पड़ता है।

Tax on Cash at Home (credit-sm)

Income Tax Cash Limit: टैक्स बढ़कर 84% कैसे हो जाता है?

अगर करदाता इस अस्पष्टीकृत कैश को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाता और बाद में:

के दौरान यह पैसा मिलता है, तो मामला और गंभीर हो जाता है। ऐसी स्थिति में इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 271AAC लागू होती है, जिसके तहत कुल टैक्स पर अतिरिक्त 10% जुर्माना लगाया जाता है। इस अतिरिक्त पेनल्टी को मिलाकर कुल भार लगभग 84% तक पहुंच जाता है।

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