PGI में फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए टीचरों की मांग, हड़ताल की तैयारी
10 जून से काले बिल्ले लगाकर करेंगे विरोध
पीजीआई में फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए टीचरों की कमी से परेशान फिजियोथेरेपिस्ट हड़ताल की तैयारी में हैं। वे प्रबंधन से बार-बार मांग कर रहे हैं कि विभाग को स्वतंत्र किया जाए और शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। अगर मांगे नहीं मानी गईं तो 10 जून से काले बिल्ले लगाकर विरोध करेंगे और पढ़ाई बंद कर देंगे, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
पीजीआई में फिजियोथेरेपिस्ट का कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स के पास बीते 30 साल से टीचर ही नहीं है, जिससे नाराज हो कर अब फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट के कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट काले बिल्ले लगा कर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैँ। फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टरों की पीजीआई प्रबंधन को साफ चेतावनी है की अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो 10 जून से वो ना केवल काले बिल्ले लगा कर हड़ताल करेंगे, बल्कि स्टूडेंट्स को पढ़ाना भी छोड़ देंगे, ऐसे में वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य अन्धकार में जा सकता है।
कई बार मांग कर चुके
पीजीआई के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट अपनी मांगों को लेकर पीजीआई प्रबंधन के समक्ष बार-बार चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि ये लोग अधिकारियों के चैंबर के बाहर घंटों इंतजार तक कर रहे हैं। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। पीजीआई फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि वह कई बार मांग कर चुके हैं की पीजीआई में फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट को इंडिपेंडेंट कर केनीसे रिस्टोर किया जाए क्यूंकि इस विभाग के इंडिपेंडेंट ना होने का कारण जहाँ उन्हें परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है
फिजियोथेरेपी कोर्स में टीचर की कोई पोस्ट नहीं
वही मरीजों के सामने भी कई तरह की परेशानिया आ रही है। उन्होंने बताया की फिजियोथेरेपी कोर्स में टीचर की कोई पोस्ट नहीं है। इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई, उनकी ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है। बिना टीचर के पीजीआई की ओर से डिग्रियां भी दी जा रही हैं। एसोसिएशन इसके लिए 2011 से लगातार मांगें रखती आ रही है लेकिन पहले इधर से उधर टेबलों पर घूम रही है लेकिन उस पर कार्यवाई नहीं हो रही।
10 जून से विरोध
डॉ. अजीत ने बताया कि स्टेंडिंग एकेडमिक कमेटी द्वारा 8 पोस्ट लेक्चरर और 6 पद असिस्टेंट प्रोफेसर फिजियोथेरेपी के पास होने के बाद भी अभी तक पीजीआई ने इसे लेकर कोई कार्यवाही नहीं की है। फिलहाल डॉक्टरों की साफ चेतावनी है की अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो वह 10 जून से काले बिल्ले लगा कर इसका विरोध करेंगे और स्टूडेंट्स का पढ़ाने का काम पूरी तरह से बंद करेंगे।