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AI Eye Device: नेत्रहीनों के लिए बन रहा वरदान

07:00 AM Sep 20, 2024 IST | Shubham Kumar
ai eye device  नेत्रहीनों के लिए बन रहा वरदान

AI See Eye Machine: आंखों की रौशनी कम हो जाए तो देखने में काफी परेशानी होती है। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बेस्ड एक डिवाइस बनाया है जो ब्लाइंड और आंखों की कम रौशनी से परेशान लोगों की मदद करेगा। इसका नाम AISee है, आइए जानते हैं कि ये कैसे काम करेगा।

कम रौशनी वाले लोगों की जिंदगी में ला रहा सवेरा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मौजूदा समय की सबसे हॉट टेक्नोलॉजी है। दुनिया के अलग-अलग सेक्टर में AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ लोग इसे खतरे के रूप में देखते हैं तो कहीं इससे लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ब्लाइंड और आंखों की कम रौशनी वाले लोगों की जिंदगी में सवेरा आ रहा है। नेशनल यूनिवर्सटी ऑफ सिंगापुर ने एक AI डिवाइस डेवलप किया है। इसका नाम AiSee है, इससे चीजों को पहचानने में मदद मिलती है।

AI-powered smart glasses assist the visually impaired in seeing for the first time

अगर कोई नेत्रहीन व्यक्ति कुछ सामान लेता है तो AISee उस व्यक्ति को सामान की पूरी जानकारी बता देता है। एआई के जरिए विजुअल रिकॉग्निशन जैसी चीजों में सुधार हुआ है। यह टेक्नोलॉजी चीजों को पहचानने में मददगार साबित हो सकती है। अगर किसी चीज से कुछ खतरा है तो ब्लाइंड पर्सन को पता चल जाएगा।

AISee से बनेगी लाइफ आसान

AISee एक हेडफोन की तरह है।  इसे पहनकर आंखों की कम रौशनी से परेशान लोगों की दिक्कतें काफी हद तक खत्म हो जाएगी। AISee में एक माइक्रो-कैमरा लगा है। ये यूजर के सामने के नजारे को परखता है। इसका सॉफ्टवेयर टेक्स्ट, लोगो और लेबल आदि को पहचान सकता है।  AISee क्लाउड बेस्ड AI एल्गोरिद्म का इस्तेमाल करके चीजों को एनालाइज करता है।

New Technology Gives AI Human-Like Eyes

 वस्तुओं को पहचानने में मदद

मान लीजिए कोई ब्लाइंड पर्सन कुछ सामान खरीदने के लिए ग्रॉसरी शॉप गया। जब वो कोई सामान हाथ में लेगा तो AISee इसका फोटो खींचेगा और प्रोसेसिंग करेगा। AISee हेडफोन के जरिए सामान देखता है और उसके बारे में जानकारी देता है। इससे सही सामान खरीदने में मदद मिलेगी।

Through the eyes into the brain, using artificial intelligence - Annals Singapore

AISee से कर सकते हैं बातें

इसमें टेक्स्ट-टू-स्पीच और स्पीच-टू-टेक्स्ट रिकॉग्ननिशन फीचर हैं, जो पूछताछ करना आसान बनाते हैं। इस डिवाइस को बड़े लैंग्वेज मॉडल के जरिए बनाया गया है। AISee प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए बीपी डी सल्वा होल्डिंग्स कंपनी ने 1.50 लाख सिंगापुर डॉलर यानी करीब 92.56 लाख रुपये दिए हैं।

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