YouTube और Facebook को भारत सरकार की चेतावनी
भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook और वीडियो स्ट्रीमिंग YouTube को फटकार लगाई है। सरकार ने इन कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे डीपफेक और फर्जी खबर को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फेसबुक और यूट्यूब पर डीपफेक और फर्जी खबरों की भरमार है। इन वीडियो और खबरों का इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने और समाज में अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है।
- डीपफेक और फर्जी खबर को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं
- Facebook और YouTube पर डीपफेक और फर्जी खबरों की भरमार
- फर्जी खबर न अपलोड की जा सके
सरकार ने इन कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके प्लेटफॉर्म पर कोई भी डीपफेक या फर्जी खबर न अपलोड की जा सके। इसके लिए कंपनियों को तकनीकी उपायों के साथ-साथ मानवीय निगरानी भी बढ़ानी होगी। सरकार ने कहा कि अगर कंपनियां इन निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें कंपनियों का लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है। डीपफेक एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो को किसी दूसरे व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो में बदलने के लिए किया जाता है। फर्जी खबरें ऐसी खबरें होती हैं जो झूठी या भ्रामक होती हैं।
सरकार ने डीपफेक और फर्जी खबरों को रोकने के लिए पिछले साल ही एक कानून भी बनाया था। इस कानून के तहत डीपफेक और फर्जी खबरें बनाने, अपलोड करने या शेयर करने पर सजा का प्रावधान है। सरकार का मानना है कि डीपफेक और फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा हैं। इनका इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।
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