क्या पेजर डिवाइस जैसा हमला स्मार्टफोन से भी है संभव ?
Pager Device Attack in Smartphone: लेबनान और सीमावर्ती इलाकों में पेजर में धमाके हुए, जिसमें 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए और कई लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन धमाकों को मोसाद ने अंजाम दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे धमाके स्मार्टफोन में भी किए जा सकते हैं।
लेबनान हमले का प्रमुख बिंदु जो गौर करने लायक है
- लेबनान और सीमावर्ती इलाकों में सिलसिलेवार पेजर में धमाकों के कारण 400 से ज्यादा लोग घायल हुए।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन धमाकों को इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद द्वारा अंजाम दिया गया है।
- धमाकों में C4 जैसे छोटे आकार के एक्सप्लोसिव का उपयोग किया गया, जो बैटरी में आसानी से फिट किया जा सकता है।
- ये छोटे एक्सप्लोसिव स्मार्टफोन की बैटरी में भी फिट किए जा सकते हैं, जिससे जानलेवा धमाका हो सकता है।
- भारत में पेजर का चलन स्मार्टफोन के आने से पहले बहुत ज्यादा था, लेकिन पेजर के मैसेज एनक्रिप्टेड नहीं होते थे।
लेबनान और सीमावर्ती इलाकों में सिलसिलेवार तरीके से पेजर में धमाके हुए। इसमें 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए और कई लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन धमाकों को मोसाद की तरफ से अंजाम दिया गया है। लेकिन इन धमाकों के बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। इसमें सवाल पूछा जा रहा है कि जैसे पेजर में धमाके किए गए हैं, क्या ऐसे धमाके स्मार्टफोन में भी किए जा सकते हैं ? आज हम आपको ऐसे ही सभी सवालों के जवाब देने वाले हैं।
कैसे हुआ धमाका ?
अभी तक जो जानकारी सामने आई है। उससे पता चलता है कि C4 जैसे एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल कर इसे अंजाम दिया गया है। ये एक्सप्लोसिव छोटे आकार का होता है। इसे बैटरी में आसानी से फिट किया जा सकता है और फिर रिमोट कंट्रोल की मदद से धमाका किया जाता है। ये काफी हैरान करने वाली घटना है। पेजर की मदद से हुए धमाकों में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर ऐसा कैसे संभव है और क्यों किया जाता है। हालांकि अभी इसका चलन बहुत ज्यादा हो गया है।
मोबाइल में हो सकता है फिट ?
रिपोर्ट्स की मानें तो इस छोटे एक्सप्लोसिव को कहीं पर भी फिट किया जा सकता है। इसे लैपटॉप तक की बैटरी में भी फिट किया जा सकता है। साथ ही स्मार्टफोन की बैटरी में भी ये फिट हो सकता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि ऐसा बिल्कुल संभव है। तापमान बढ़ने के बाद फोन का तापमान बढ़ता है और फिर ये एक्सप्लोसिव रिएक्ट करता है। ये एक प्रकार का जानलेवा साबित होता है जो काफी नुकसान दे सकता है। बैटरी में धमाके से पूरे डिवाइस में धमाका होता है।
भारत में भी था पेजर का चलन
स्मार्टफोन चलन में आने से पहले भारत में पेजर का भी बहुत ज्यादा चलन था। इसकी मदद से मैसेज भेजे जाते थे। हालांकि इसके मैसेज एनक्रिप्टेड नहीं होते हैं और इसे आसानी से हैक भी किया जा सकता है। इसके मुकाबले अन्य डिवाइस ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं।
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