IndiaWorldDelhi NCRUttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir BiharOther States
Sports | Other GamesCricket
HoroscopeBollywood KesariSocialWorld CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

क्या है Ultra-Edge Technology? जो है अंपायरों के लिए सबसे मददगार

09:45 AM Nov 20, 2023 IST
Advertisement

वर्ल्ड कप का कल फाइनल मैच था जिसमे ऑस्ट्रेलिआ ने कप अपने नाम किया। क्रकेट ग्राउंड में कई सारे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है , ताकि गेम को अच्छी तरह से दिखाया जा सके और निस्पक्छ तरिके से खेला भी जा सके। आपने अंपायर को डिसिशन लेते देखा होगा की कोई out है या नहीं ,पर कई बार decision देना आसान नहीं होता , उस वक़्त अंपायर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है , इन्ही में से एक है Ultra-Edge। यह एक क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल यह तय करने के लिए किया जाता है कि Valid गेंद फेंके जाने के बाद गेंद ने बल्ले को छुआ है या नहीं। ये स्निकोमीटर का एक एडवांस वर्जन है जिसका उपयोग एज डिटेक्शन के लिए किया जाता है।

 


Ultra-Edge टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

दरअसल, बल्लेबाज के पीछे स्टंप माइक का एक सिस्टम होता है और स्टेडियम के चारों ओर कैमरे लगाए जाते हैं जो गेंद और उससे होने वाली ध्वनि पर नजर रखते हैं। बल्ले से टकराने पर गेंद एक विशेष ध्वनि उत्पन्न करती है जिसे विकेट द्वारा पिक कर लिया जाता है और ट्रैकिंग स्क्रीन पर डिटेक्ट किया जाता है। ऐसे में अगर गेंद ने बल्ले को हल्का सा छू लिया तो पता चल जाता है और आउट देने या न देने का निर्णय लिया जाता है। स्टंप में मौजूद माइक फ्रीक्वेंसी लेवल के आधार पर बैट, पैड और बॉडी से निकलने वाले साउंड के बीच अंतर करने में सक्षम होते हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article