देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Advertisement
दिल्ली में भीषण गर्मी के साथ हीटवेव का कहर जारी है। तापमान 49 डिग्री के पार पहुंच चुका है। इस भीषण गर्मी में दिल्ली में एक ओर पानी की किल्लत होने लगी है, वहीं दूसरी ओर बिजली की मांग भी अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 8,302 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। दिल्ली में बिजली की यह खपत बीते वर्ष के मुकाबले करीब 900 मेगावाट अधिक है। पानी की किल्लत की बात करें तो दिल्ली के कई इलाकों में केवल एक बार पानी की सप्लाई की जा रही है। इससे भी बढ़कर कई इलाके ऐसे हैं जहां दिन में एक बार भी पानी नहीं आ रहा है। ऐसे इलाकों में जलापूर्ति के लिए पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा द्वारा यमुना नदी में पर्याप्त पानी न छोड़े जाने के कारण पानी की किल्लत हुई है। दिल्ली सरकार इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रही है। गौरतलब है कि जिन इलाकों में वाटर टैंकर से पानी की सप्लाई हो रही है वहां भरी दोपहरी में तेज गर्मी के बीच स्थानीय लोगों को लाइन में लगकर एक-एक बाल्टी पानी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। पानी की किल्लत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इतनी भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गई है। जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमें भी कमी कर दी गई है। यानी डिमांड बहुत बढ़ गई और सप्लाई कम हो गई। हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं देख रहा हूं कि बीजेपी के साथी, हमारे खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। मेरी सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस वक्त राजनीति करने की बजाय, आइए मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवाएं। यदि बीजेपी, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अपनी सरकारों से बात कर एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दे तो दिल्ली वाले बीजेपी के इस कदम की खूब सराहना करेंगे। इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं। लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते है। बिजली आपूर्ति पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है। गर्मी की वजह से देश भर में पानी और बिजली का संकट हो गया है। पिछले वर्ष, दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 7,438 मेगावाट थी। इसके मुकाबले इस साल पीक डिमांड 8,302 मेगावाट तक पहुंच गई है। पर इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है, अन्य राज्यों की तरह पॉवर कट नहीं हो रहा।