Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

टेंडर कमीशन घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जब्त संपत्ति ईडी के कब्जे में बनी रहेगी

मनी लॉन्ड्रिंग केस में संपत्ति जब्त, ईडी की कार्रवाई जारी

05:08 AM May 29, 2025 IST | Aishwarya Raj

मनी लॉन्ड्रिंग केस में संपत्ति जब्त, ईडी की कार्रवाई जारी

प्रवर्तन निदेशालय ने टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जब्त संपत्तियों को अपने कब्जे में रखने का निर्णय लिया है। यह संपत्तियां तब तक ईडी के पास रहेंगी जब तक मामला लंबित है। ईडी ने इस मामले में 37 करोड़ रुपए नकद और 4.42 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त की है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेंडर कमीशन घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब्त की गई सभी चल-अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में रखने का फैसला लिया है। यह संपत्ति तब तक ईडी के कब्जे में रहेगी जब तक मामला लंबित है। यह निर्णय ईडी की एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने आरोपियों और ईडी की दलील सुनने के बाद लिया है। इस मामले में ईडी ने छापेमारी कर करीब 37 करोड़ रुपए नकद भी जब्त किए थे। ईडी ने इस मामले में पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, उनके निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। टेंडर वर्क ऑर्डर आवंटन में कमीशन घोटाले से जुड़े इस मामले में 5 जुलाई 2024 को 4.42 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त की गई थी। ये संपत्तियां संजीव लाल, उनकी पत्नी रीता लाल और जहांगीर आलम की हैं।

पूछताछ में खुलासे

मुन्ना सिंह ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने कुल 53 करोड़ रुपए नकद वसूले, जिनमें से 50 करोड़ रुपए संजीव लाल तक पहुंचाए। मुन्ना सिंह ने अपने छोटे भाई संतोष कुमार की मदद भी स्वीकार की। उन्होंने बताया कि सात इंजीनियरों ने रुपए दिए, जिनमें राजीव कुमार, संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अजय तिर्की और अमित कुमार शामिल हैं।

बंगाल में ED का शिकंजा, LFS ब्रोकिंग पर 266 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

कमीशन की राशि का वितरण

संजीव लाल ने माना कि टेंडर की कुल राशि का 3-4 प्रतिशत कमीशन के रूप में वसूला जाता था, जिसमें मंत्री आलमगीर आलम का हिस्सा 1.35 प्रतिशत था। यह कमीशन इंजीनियरों से वसूला जाता था। संजीव लाल अपने दोस्त और ठेकेदार मुन्ना सिंह या उनके भाई संतोष सिंह को इंजीनियरों से राशि वसूलने के लिए भेजता था। संतोष सिंह जहांगीर आलम को कमीशन राशि देता था, जिसे हरमू रोड स्थित सर सैय्यद रेसिडेंसी में रखा जाता था।

Advertisement
Advertisement
Next Article