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पूरे मिडिल ईस्ट में बढ़ सकता है तनाव, अब ईरान ने मुस्लिम देशों को भी दे दी चेतावनी!

ईरान ने मुस्लिम देशों को भी दे दी चेतावनी!

05:14 AM Jun 15, 2025 IST | Amit Kumar

ईरान ने मुस्लिम देशों को भी दे दी चेतावनी!

ईरान का कहना है कि यदि मध्य पूर्व में स्थित अमेरिकी या ब्रिटिश सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल उसके खिलाफ किया गया, तो वह जवाबी कार्रवाई करते हुए उन ठिकानों पर हमला करेगा. इसके अलावा, ईरान ने यह भी संकेत दिए हैं कि वह उन मुस्लिम देशों को भी नहीं छोड़ेगा जो पश्चिमी देशों का साथ दे रहे हैं.

Israel-Iran War: इजराइल और ईरान के बीच गहराता तनाव कभी भी पूरे मिडिल ईस्ट को अपनी चपेट में ले सकता है. ईरान ने कड़ा संदेश देते हुए चेतावनी दी है कि अगर कोई देश इजराइल की सैन्य गतिविधियों में मदद करता है, तो वह उन देशों के सैन्य अड्डों को भी अपना निशाना बना सकता है. ईरान का इशारा विशेष रूप से अमेरिका और ब्रिटेन की ओर है, जो इजराइल के प्रमुख सहयोगी हैं और जिनकी इस क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति भी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का कहना है कि यदि मध्य पूर्व में स्थित अमेरिकी या ब्रिटिश सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल उसके खिलाफ किया गया, तो वह जवाबी कार्रवाई करते हुए उन ठिकानों पर हमला करेगा. इसके अलावा, ईरान ने यह भी संकेत दिए हैं कि वह उन मुस्लिम देशों को भी नहीं छोड़ेगा जो पश्चिमी देशों का साथ दे रहे हैं. इसका मतलब यह है कि केवल इजराइल ही नहीं, बल्कि अन्य कई देश भी इस संघर्ष की आग में झुलस सकते हैं.

क्षेत्रीय सैन्य अड्डों पर मंडराता खतरा

ईरान की धमकियों से मिडिल ईस्ट में पहले से ही मौजूद तनाव और अधिक गहरा गया है. अमेरिका और ब्रिटेन की इस क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति है. ब्रिटेन के सैन्य अड्डे इराक, सीरिया और साइप्रस में मौजूद हैं. इनका इस्तेमाल पूर्व में ISIS के खिलाफ अभियानों में किया गया है. इसके अलावा खाड़ी देशों जैसे यूएई, कतर, बहरीन और ओमान में भी ब्रिटिश सैनिकों की मौजूदगी है, जो अब संभावित हमलों के खतरे में आ सकते हैं.

वहीं अमेरिका ने भी मिडिल ईस्ट में करीब 19 स्थानों पर अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखी है. अमेरिका के लगभग 40,000 से 50,000 सैनिक इस क्षेत्र में तैनात हैं, जिनमें अधिकांश कतर, बहरीन, कुवैत, यूएई और सऊदी अरब में स्थित हैं. ये सभी ठिकाने अब ईरान की निगाह में हैं.

मुस्लिम देशों पर भी खतरे के बादल

ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर खाड़ी के मुस्लिम देशों से उसे टारगेट करने में सहयोग मिलता है, तो वह इन देशों को भी जवाबी कार्रवाई में शामिल करेगा. इस चेतावनी के बाद खतरा केवल इजराइल और ईरान तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरे खाड़ी क्षेत्र में आग भड़का सकता है.

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वैश्विक स्तर पर फैल सकता है संघर्ष

अगर यह टकराव आगे बढ़ा, तो इसका प्रभाव केवल मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है. ईरान की चेतावनी और इजराइल की आक्रामक नीति के बीच अमेरिका और ब्रिटेन की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह संघर्ष किस दिशा में बढ़ता है.

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