टर्म लाइफ इंश्योरेंस हो सकता है महंगा
टर्म इंश्योरेंस की प्रीमियम कीमतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। हाल ही में एक रीइंश्योरेंस कंपनी द्वारा पिछले तीन महीने के दौरान कराए गए सर्वे में यह जानकारी मिली है कि व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस बिजनेस के लिए रीइंश्योरेंस प्रीमियम कीमतें बढ़ाने की जरूरत है।
08:04 PM Jan 13, 2020 IST | Shera Rajput
Advertisement
टर्म इंश्योरेंस की प्रीमियम कीमतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। हाल ही में एक रीइंश्योरेंस कंपनी द्वारा पिछले तीन महीने के दौरान कराए गए सर्वे में यह जानकारी मिली है कि व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस बिजनेस के लिए रीइंश्योरेंस प्रीमियम कीमतें बढ़ाने की जरूरत है।
Advertisement
Advertisement
रीइंश्योरेंस कंपनियां ही एक टर्म इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट के लिए अंतिम जोखिम लेने के लिए जिम्मेदार होती हैं और इंश्योरेंस कंपनी के साथ मिलकर कीमतें तय करती हैं। इसके बाद ही यह अंतिम कीमतें ग्राहक से ली जाती है।
Advertisement
वर्तमान समय में टर्म इंश्योरंस कीमतें इस आकलन पर आधारित होती हैं कि मौजूदा प्रतिस्पर्धी टर्म इंश्योरेंस प्लान्स के अंतर्गत शामिल किए जाने वाले ग्राहकों के समूह की मृत्यु दर औसत भारतीय जनसंख्या में होने वाली मौतों का लगभग एक चौथाई या 25 फीसदी होगी। अगर आप एक कदम आगे जाते हैं, तो यह देखते हैं कि टर्म इंश्योरेंस की ऑनलाइन कीमतें और भी सस्ती हैं, जो कि औसत भारतीय ग्राहक की मृत्यु दर को लगभग 20 फीसदी मानते हुए तय की जाती हैं। इसका कारण यह है कि ऑनलाइन प्लान्स अधिक समृद्ध ग्राहक वर्ग को टार्गेट करते हैं, जिनकी जीवन प्रत्याशा बेहतर होती है।
पालिसीबाजार डॉट कॉम के लाइफ इंश्योरेंस के चीफ बिजनेस आफिसर संतोष अग्रवाल ने कहा कि ऑफलाइन कीमतें ऑनलाइन मिलने वाले प्लान्स से अधिक इसलिए होती हैं क्योंकि यह कीमतें औसत भारतीय जनसंख्या मृत्यु दर का लगभग एक तिहाई या 33 फीसदी मानते हुए तय की जाती हैं। इसी मूल आकलन पर मौजूदा कीमतें आधारित हैं, जिसमें अब बदलाव होने जा रहा है। एक प्रमुख रीइंश्योरेंस कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो ग्रुप की सभी इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस भेजकर कहा है कि अगले 90 दिनों में कीमतें बढ़ा दी जाएंगी। ऐसे में लाइफ इंश्योरेंस के लिए रीइंश्योरेंस कीमतें बढ़ने के कारण इंश्योरेंस कंपनियां भी अंतिम ग्राहक के लिए कीमत बढ़ाने को मजबूर हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि रीइंश्योरेंस कंपनी ने जिन ग्राहकों के समूह का आकलन किया है उसके आधार पर वास्तविक मृत्यु अनुमान के रुझान भले ही शुरुआती हैं, लेकिन इस बात का संकेत देने के लिए काफी हैं कि वास्तविक अनुभव और उनके लिए मौजूदा कीमतें काफी कम हैं।
अग्रवाल ने कहा कि रीइंश्योरेंस कंपनियों द्वारा अपनी कीमतें बढ़ाने के बाद लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां टर्म इंश्योरेंस कीमतों को लेकर मुनाफा और कीमतों के बीच संतुलन कायम करते हुए रणनीतिक फैसले करेंगी। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां लंबी अवधि में लाभ बनाए रखने के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर निर्भर रहती हैं, ऐसे में ग्राहकों के लिए कीमतें बढ़ने की संभावना अधिक नजर आ रही है।

Join Channel