पहलगाम आतंकवादी हमला: 28 पर्यटकों की मौत, 17 घायल
आतंकवादियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर पर्यटकों पर बरसाईं गोलियां
पहलगाम में आतंकवादी हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई और 17 घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। लश्कर के संगठन तहरीक-ए-रिसेंस्टन फोर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है। गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी से बातचीत के बाद कश्मीर पहुंचकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और आतंकवादियों के खिलाफ ठोस एक्शन की रणनीति बनाई।
दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादी हमले में 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है और 17 लोग घायल हो गए है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मृतकों की संख्या पता लगाई जा रही है। अधिकृत तौर पर 18 लोगों की शिनाख्त हो गई है। यह हमला हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है। इसी बीच लश्कर के सगंठन तहरीक-ए- रिसेंस्टन फोर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है। गृहमंत्री अमित शाह पीएम मोदी से फोन पर बातचीत के तुरंत बाद रात को कश्मीर पहुंच गए और श्रीनगर में उन्होंने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, आईबी चीफ और अन्य आला अफसर मौजूद थे। वह अस्पताल में कल घायलों से मिलेंगे। श्रीनगर पहुच कर शाह आतंकवादियों के खिलाफ ठोस एक्शन के लिए रणनीति बनाने में जुट गए।
पहलगाम हमले के बाद गृह मंत्री ने बुलाई सुरक्षा समीक्षा बैठक
धर्म पूछकर बरसाईं गोलियां
कश्मीर घूमने आए हिन्दू पर्यटकों को चुन- चुन कर निशाना बनाया गया। उनसे धर्म पूछा गया।घाटी में इन पर्यटकों से अजान के बारे में पूछा गया और उन्हें बाद में गोलियां मार दी गईं। मरने वालों में कर्नाटक हरियाणा, महाराष्ट्र यूपी, छत्तीसगढ़ समेत देशभर के पर्यटक हैं और मृतकों में दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। हमला करीब तीन बजे हुआ, जब आतंकवादी बैसरन घाटी में पहाड़ से नीचे उतरें और वहां पर्यटकों पर गोलीबारी शरू कर दी।
इस आतंकवादी हमले घायलों को हेलीकॉप्टर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि कुछ घायलों को स्थानीय लोग अपने खच्चरों पर लादकर घास के मैदानों से नीचे लाए। पहलगाम अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि 12 घायल पर्यटकों को वहां भर्ती कराया गया है और सभी की हालत स्थिर है। हमले के समय घटनास्थल पर रही एक महिला ने फोन पर बताया कि मेरे पति को सिर में गोली लगी है, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार आतकंवादी 1980 के दशक में बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रसिद्द् स्थल बैसरन आसपास के घने जंगल से निकले थे।