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कश्मीर में आतंकियों के मददगारों का होगा सफाया, SIA ने शुरू किया छापेमारी अभियान

आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ SIA का बड़ा अभियान

04:42 AM May 17, 2025 IST | Shivangi Shandilya

आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ SIA का बड़ा अभियान

जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई की और 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान के हमलों के जवाब में भारतीय सेना ने कई एयरबेस नष्ट किए. अब भारत कश्मीर में आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने कई ठिकानों पर छापे मारे हैं.

Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने न केवल कड़ा रुख अपनाया, बल्कि पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया. भारत ने अपनी कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया. इसके बाद जब पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में उसके कई एयरबेस तबाह कर दिए. फिलहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) लागू है, लेकिन भारत अब कश्मीर में आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के लिए काम करने वाले सहयोगियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी मुहिम चलाई है. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को मध्य और उत्तर कश्मीर के 11 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे. यह कार्रवाई उन स्लीपर सेल मॉड्यूल की जांच के तहत की गई, जिन पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप है.

छापेमारी में संदिग्ध गिरफ्तार

एसआईए द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, छापों के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पकड़े गए लोग आतंकवादी गतिविधियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल थे और भारत विरोधी विचारधारा का प्रचार कर रहे थे.

देशविरोधी साजिशों को रोकने की कोशिश

एजेंसी का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई उन ताकतों के खिलाफ है जो घाटी में अस्थिरता और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था से समझौता नहीं किया जाएगा और आतंकवाद या अलगाववाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

युवा हो रहे हैं ऑनलाइन कट्टरपंथ का शिकार

जांच में सामने आया है कि अधिकतर आरोपी युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 22 साल के बीच है. ये युवा सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से कट्टरपंथी विचारधाराओं से प्रभावित हो रहे हैं. एसआईए ने माता-पिता, शिक्षकों और समाज के जिम्मेदार लोगों से अपील की है कि वे युवाओं की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.

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आतंकियों के मददगारों की पहचान जारी

इस विशेष अभियान का उद्देश्य आतंकवादियों को समर्थन देने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करना है. सुरक्षा बलों का मानना है कि इस तरह की सख्ती से घाटी में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी.

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