इस शिव मंदिर को लेकर आपस में भिड़े Thailand-Cambodia, अब तक 42 की मौत, जानें पूरा विवाद
Thailand-Cambodia के बीच एक बार फिर सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में थाई सेना ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इससे पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी भी हुई थी। कंबोडिया का आरोप है कि थाई सेना ने पहले फायरिंग की, जबकि थाईलैंड का कहना है कि कंबोडिया ने पहले ड्रोन तैनात किया, फिर रॉकेटों और तोपों से हमला किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस तनाव के पीछे की वजह एक पूराना प्रेह विहेयर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 9वीं सदी में खमेर सम्राट सूर्यवर्मन द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर अब आस्था से आगे बढ़कर राजनीति, राष्ट्रवाद और सैन्य प्रदर्शन का केंद्र बन चुका है।
राजनीतिक असर
2 जुलाई 2025 को Thailand की प्रधानमंत्री पैतोंगतर्न शिनावात्रा को कोर्ट ने पद से निलंबित कर दिया। इसकी वजह एक कॉल बनी, जिसमें वे कंबोडिया के एक वरिष्ठ नेता को ‘चाचा’ कह रही थीं, जबकि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। यह कॉल लीक होते ही लोगों में नाराज़गी फैल गई और इसे राष्ट्रविरोधी माना गया, जिसके बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी।
Thailand-Cambodia की दावेदारी
Cambodia का कहना है कि यह मंदिर उसकी सीमा में आता है, जबकि थाईलैंड कहता है कि इसका कुछ हिस्सा उसके सुरिन प्रांत में है। यह मंदिर डांगरेक पहाड़ियों पर स्थित है, जहां से पहले एक ऐतिहासिक खमेर राजमार्ग गुजरता था, जो अब अंगकोर (कंबोडिया) से थाईलैंड के फीमाई तक जाता था।
क्या कहता है इतिहास?
1904 में सीमा निर्धारण प्राकृतिक जल स्रोतों के अनुसार तय हुआ था, लेकिन 1907 में फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों ने जो नक्शा बनाया, उसमें मंदिर कंबोडिया का हिस्सा बताया गया। Thailand ने पहले इसे स्वीकार किया, लेकिन बाद में विरोध किया। 1962 में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने मंदिर पर कंबोडिया का अधिकार तय कर दिया, जिसे थाईलैंड ने आज तक पूरी तरह नहीं माना। 2008 में जब मंदिर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला, तब विवाद और बढ़ गया। 2008 से 2011 तक कई बार झड़पें हुईं। 2011 में एक हफ्ते की लड़ाई में 42 लोगों की मौत हो गई थी।
Thailand-Cambodia के बीच नया तनाव
मई 2025 में Thailand ने आरोप लगाया कि Cambodia ने ड्रोन के ज़रिए उसकी सीमा में जासूसी की। इसके बाद दोनों देशों में रॉकेट हमले और हवाई कार्रवाई हुई। थाईलैंड ने F-16 विमानों का इस्तेमाल किया, जबकि कंबोडिया ने इसे बिना वजह हमला बताया। वहीं इस मंदिर के पास दोनों देशों की सेना पहले से तैनात रहती है। फरवरी 2025 में कंबोडिया के सैनिकों ने मंदिर में घुसकर राष्ट्रगान गाया, जिससे मामला और भड़क गया।
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कूटनीतिक कोशिशें
1 जून को Cambodia ने फिर से ICJ जाने की घोषणा की। वहीं, Thailand ICJ के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानता। हालांकि, 14 जून को दोनों देशों ने सीमा पर बातचीत शुरू की। इस बार ASEAN की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह मंदिर विवाद अब सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि दोनों देशों की राजनीति और सुरक्षा का बड़ा सवाल बन चुका है।
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