चीन- भारत के बीच 14वें दौर की वार्ता सकारात्मक रही, इस मुद्दे पर दोनों देशों में बनी आपसी सहमति
चीन के मीडिया का कहना है कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें स्तर की वार्ता सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने स्थिरता बनाये रखने के प्रयास करने पर सहमत हुए।
03:01 PM Jan 14, 2022 IST | Desk Team
भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से हालात काफी अच्छे नहीं है। ऐसे में कोरोना के कहर के बीच चीन के मीडिया का कहना है कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 14वें स्तर की वार्ता सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने स्थिरता बनाये रखने के प्रयास करने पर सहमत हुए।
Advertisement
चीन 14 वें दौर की वार्ता की सराहना करते हुए कहा
चीनी मीडिया ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच हालांकि मतभेद बरकरार रहे और बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। चीन 14 वें दौर की वार्ता की सराहना करते हुए कहा कि इसमें संयुक्त बयान जारी किया गया, जबकि इससे पहले की बातचीत में ऐसा नहीं किया जा सका था।
चीनी सेना के विशेषज्ञों के बयान के हवाले से लिखा, ‘‘तीन महीने पहले हुई 13वें दौर की वार्ता की समाप्ति तनाव के माहौल में हुई थी। इस बार हालांकि माहौल दोस्ताना बना रहा, जो कि एक अच्छा संकेत है। बेशक दोनों पक्षों की बातचीत में भिन्नताएं थीं और कुछ ठोस भी समाधान नहीं निकला।’’ ‘‘आपस में बात करना टकराव से हमेशा से बेहतर रहता है। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक सवालों के व्यावहारिक हल में मदद मिलेगी।’’
भारत सरकार ने ‘पड़सी प्रथम नीति का पालन किया
अखबार ने कुछ मुद्दों पर भारत के रुख की सराहना भी की और कहा,‘‘ भारत अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों की तरह बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के कूटनीतिक बहिष्कार अभियान में शामिल नहीं हुआ, क्योंकि भारत सरकार ने ‘पड़सी प्रथम नीति का पालन किया।’’ अखबार ने लिखा कि भारत चीन के कुछ निवेशों पर लगे प्रतिबंध में ढील देने पर भी विचार कर रहा है।
सीमा के मुद्दे को हल करने के अलावा
एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा,‘‘भारत को यह समझ में आ गया है कि सीमा के मुद्दे को हल करने के अलावा वह चीन के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मसलों, अर्थव्यवस्था, व्यापार जैसे और भी कई क्षेत्रों में सहयोग कर सकता है।’’ रिपोर्ट में बताया कि दोनों देश सर्दियों के दौरान स्थिरता और सुरक्षा को यथावत बनाये रखने के लिए प्रयासरत हैं, क्योंकि इससे दुर्घटनाओं और टकराव के जोखिम कम होंगे।
यूपी चुनाव से पहले भाजपा ने चला सियासी दांव, योगी ने दलित कार्यकर्ता के घर पर खाई ‘खिचड़ी’
गौरतलब है कि गुरुवार को दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि वे इससे पहले हुई वार्ता के नतीजों पर मजबूत रुख अख्तियार करेंगे। पिछली बार की वार्ता में कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया गया था, तब अलग-अलग बयान जारी किये गये थे जिनमें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाये गये थे।
Advertisement