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‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना निहित - PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना निहित है। इसके लिए उन्होंने प्रवासी भारतीयों का समर्थन मांगा और जोर देकर कहा कि भारत की समृद्धि से विश्व भी लाभान्वित होता है।

11:19 PM Oct 02, 2020 IST | Shera Rajput

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना निहित है। इसके लिए उन्होंने प्रवासी भारतीयों का समर्थन मांगा और जोर देकर कहा कि भारत की समृद्धि से विश्व भी लाभान्वित होता है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना निहित   pm मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना निहित है। इसके लिए उन्होंने प्रवासी भारतीयों का समर्थन मांगा और जोर देकर कहा कि भारत की समृद्धि से विश्व भी लाभान्वित होता है। 
गांधी जयंती के दिन वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) शिखर सम्मेलन का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने ये बातें कही। 
इस अवसर पर उन्होंने भारत में विज्ञान के समृद्ध इतिहास को विस्तार देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पिछली शताब्दियों में विज्ञान की मदद से कई ऐतिहासिक सवालों का समाधान भी निकाला गया है। 
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के आत्मनिर्भर अभियान के आह्वान में वैश्विक कल्याण की भावना भी शामिल है। इस सपने को साकार करने के लिए, मैं आप सभी को आमंत्रित करता हूं और समर्थन मांगता हूं।’’ 
विज्ञान, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकरी देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में दूरगामी सुधारों को मंजूरी दी है। ये सुधार उद्योग जगत के साथ ही शैक्षणिक समुदाय को भी अवसर प्रदान करते हैं।’’ 
मोदी ने विज्ञान को सामाजिक और आर्थिक बदलाव के प्रयासों का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों को अच्छे उत्पादन के लिए अव्वल दर्जे का वैज्ञानिक अनुसंधान उपलब्ध कराना चाहती है। 
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विज्ञान, अनुसंधान और शोध को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘अपने किसानों की मदद के लिए हम अव्वल दर्जे का वैज्ञानिक अनुसंधान चाहते हैं। हमारे कृषि अनुसंधान वैज्ञानिकों ने दाल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। हम बहुत कम मात्रा में दाल का आयात करते हैं। हमारा अन्न उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा है।’’ 
उन्होंने कहा कि 2014 में देश के टीकाकरण कार्यक्रम में चार नए टीके शामिल किए गए, जिनमें एक टीका रोकावायरस से सम्बद्ध था जो देश में विकसित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वदेशी टीका उत्पादन को बढ़ावा दिया है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में देश में विकसित न्यूमोकोक्कल वक्सीन के व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इन टीकों और पोषण मिशन की बदौलत बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को वांछनीय स्तर प्राप्त हुआ है। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन भारत और दुनिया के अन्य देशों के नामचीन लोगों को एक मंच पर लेकर आया और सही मायने में यह दुनिया भर के लोगों का उत्कृष्ट संगम है। 
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में शोध को बेहतर बनाने के लिए आप सभी ने कई अच्छे सुझाव दिए हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह सम्मेलन बहुत उपयोगी साबित होगा।’’ 
यह सम्मेलन वैश्विक और प्रवासी भारतीय शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को एक मंच प्रदान करता है। इसका उद्देश्य भारतीय मूल के दिग्गजों को एक मंच पर लाना है जो दुनिया भर के अकादमिक और शोध संस्थाओं से जुड़े हैं। 
इस सम्मेलन में 55 देशों के भारतीय मूल के 3000 से अधिक वैज्ञानिक और शिक्षाविद तथा 10 हजार से अधिक प्रवासी वैज्ञानिक और शिक्षाविद शिरकत कर रहे हैं। 
इस सम्मेलन का समापन 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर होगा। 
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Shera Rajput

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