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संसद में गूंजेगा तशदद का शिकार हुए संगरूर के दलित नौजवान के कत्ल का मामला

प्रदर्शनकारी जगमेल सिंह से कुछ दिन पहले हुई मारपीटाई के कारण, उसे अत्याचारों के दौरान पेशाब पिलाने, पैरों समेत टांगों पर तेजाब डालने और नुकीले प्लास से मांस नौचने के कारण हुई

03:49 PM Nov 17, 2019 IST | Shera Rajput

प्रदर्शनकारी जगमेल सिंह से कुछ दिन पहले हुई मारपीटाई के कारण, उसे अत्याचारों के दौरान पेशाब पिलाने, पैरों समेत टांगों पर तेजाब डालने और नुकीले प्लास से मांस नौचने के कारण हुई

लुधियाना-संगरूर : अपने ही गांव के चार दबंगों की कुरूरता का शिकार हुए संगरूर के अनुसूचित जाति के 37 वर्षीय जगमेल सिंह जगा के परिजनों, यार-दोस्तों और आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों ने आज रविवार को लहरागगा के नजदीक गांव चंगालीवाला में गांव के ही धनाढय लोगों के खिलाफ इलाके की अलग-अलग जत्थेबंदियों ने रोष प्रदर्शन करते हुए उपमंडल मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना लगाया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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प्रदर्शनकारी जगमेल सिंह से कुछ दिन पहले हुई मारपीटाई के कारण, उसे अत्याचारों के दौरान पेशाब पिलाने, पैरों समेत टांगों पर तेजाब डालने और नुकीले प्लास से मांस नौचने के कारण हुई मौत के जिम्मेदार आरोपियों पर कत्ल का मुकदमा दर्ज करके परिवारिक वारिसों को 50 लाख रूपए आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे। 
अनुसूचित जाति के युवक जगमेल सिंह की मौत के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और सरकार से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सूनाम को जाने वाले रास्ते पर यातायात भी जाम कर दिया है।  
इस बीच  विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा और सुनाम से आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने गांव चंगालीवाला में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बधाया है। इधर, परिवार ने न्याय मिलने तक पोस्टमार्टम ना कराने और अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया है।
चीमा ने कहा कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधी व असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। दलितों पर यह अत्याचार का पहला मामला नहीं है। इस घटना ने भीम टांक की घटना को ताजा कर दिया है। उन्होंने भी प्रदर्शनकारियों की मांग पर सहमति जताई है।  उधर, संगरूर के सांसद भगवंत मान ने यह मुद्दा संसद मे उठाने का एलान किया है।
7 नवंवर को कुछ लोगों ने आपसी रंजिश के कारण 37 साल के जगमेल सिंह को पकड़ लिया था और उठाकर एक मकान में ले गए। वहां उन लोगों ने युवक को एक पिलर से बांध दिया और तीन घंटे तक रॉड व लाठियों से बुरी तरह पीटते रहे। इस दौरान उन्होंने युवक पर अमानवीयता और पानी मांगने पर उसे मूत्र पिलाया।  हालत बिगडऩे पर उसे पीजीआइ ले जाया गया, जहां बाद में उपचार के दौरान उसकी दोनों टांगें काटनी पड़ी थीं। शनिवार को उसकी हालत बिगडऩे के बाद उसकी मौत हो गई थी। 
डॉक्टरों के अनुसार मांस को किसी नुकीली चीज व प्लास से नोचने के कारण टांगों में इंफेक्शन काफी हो गया था। उसी कारण टांगों को काटना जरूरी था। एक टांग को जांघ व दूसरी को नीचे से काटा गया। उधर, मामले के तूल पकडऩे के बाद पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर चार दिन का रिमांड हासिल कर लिया है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना 7 नवंबर की है और पुलिस ने अब कार्रवाई की है। 
करीब एक सप्ताह से चारों आरोपित गांव में ही घूम रहे थे और पीडि़त का परिवार इंसाफ के लिए भटकता रहा। लहरागागा के डीएसपी बूटा सिंह ने बताया कि जगमेल सिंह से मारपीट करने व अमानवीय व्यवहार करने के आरोप में आइपीसी व एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपितों की पहचान रिंकू सिंह, अमरजीत सिंह, लक्की व बिंदर के रूप में हुई।
पीडि़त की पत्नी मनजीत कौर ने कहा कि आरोपितों ने उसके पति से बेरहमी से मारपीट की। अमानवीय व्यवहार तक किया। टांगों पर लाठियों से प्रहार किए और किसी नुकीले औजार से जांघ से मांस खींचा, जिससे उनके पति की टांगों को काटना पड़ा और इसके बावजूद उसकी जान चली गई। आरोपितों के अत्याचार के कारण ही उसके पति की जान गई है। पुलिस आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर उन्हें इंसाफ दे।
– सुनीलराय कामरेड 
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