यूक्रेन और रूस युद्ध से सुनाई देने लगी हैं शीतयुद्ध की प्रतिध्वनि
रूस से दुश्मनी, एक छद्म रणभूमि, परमाणु हथियारों की होड़, ये कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जिनके बारे में अमेरिकियों की कई पीढ़ियां मानती हैं कि यह पुराने दिनों जैसा है…
09:09 PM Mar 13, 2022 IST | Desk Team
रूस से दुश्मनी, एक छद्म रणभूमि, परमाणु हथियारों की होड़, ये कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जिनके बारे में अमेरिकियों की कई पीढ़ियां मानती हैं कि यह पुराने दिनों जैसा है। यूक्रेन पर हमले से अमेरिका के लिए उसके चिरपरिचत शत्रु रूस के साथ शीतयुद्ध जैसी भावना तेजी से प्रतिध्वनित हो रही है। अमेरिकी बार ने अपने रूसी वोडका को बहा दिया।
मैकडोनाल्ड ने जब मास्को में अपनी पहली दुकान खोली थी, तब इसे सोवियत संघ के समापन का प्रतीक समझा गया था। हालांकि, अब मैकडोनाल्ड ने रूस में अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति को वैचारिक लड़ाई नजर आ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘‘ हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।’’
अमेरिका के लिए रूस फिल्म या टेलीविजन के खलनायक किरदार से पीछे हटा ही नहीं। अब क्रेमलिन के साथ फिर उसका तनाव हो गया है जिसकी पूरी भू-राजनीतिक पटकाथा तैयार हो गयी है। अब फिर पूरब और पश्चिम के बीच वैमनस्य की बयार बह चली है। जार्जटाउन विश्वविद्यालय में इतिहास एवं अंतरराष्ट्रीय विषय के प्रोफेसर और वूड्रो विल्सन सेंटर की शीतयुद्ध अंतरराष्ट्रीय इतिहास परियोजना के निदेशक रह चुके जेम्स हर्शबर्ग ने कहा, ‘‘ यह बिल्कुल शीतयुद्ध जैसा प्रतिध्वनित होता है।’’
उन्हें काफी कुछ ऐसा नजर आता है जो रूस के साथ आज के बढ़े तनाव में भिन्न है। उनका कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रामक रवैये का आधार उस तरह वैचारिक नहीं है जिस तरह सोवियत संघ के लिए साम्यवाद को लेकर था। हालांकि, उन्होंने कहा कि वतर्मान संकट में दो परमाणु महाशक्तियां एक दूसरे के सामने हैं तथा रूस का रणनीतिक अतिवादी कदम अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक बार फिर विध्वंसक स्थिति पैदा कर रहा है।
मैकडोनाल्ड ने जब मास्को में अपनी पहली दुकान खोली थी, तब इसे सोवियत संघ के समापन का प्रतीक समझा गया था। हालांकि, अब मैकडोनाल्ड ने रूस में अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति को वैचारिक लड़ाई नजर आ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, ‘‘ हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।’’
अमेरिका के लिए रूस फिल्म या टेलीविजन के खलनायक किरदार से पीछे हटा ही नहीं। अब क्रेमलिन के साथ फिर उसका तनाव हो गया है जिसकी पूरी भू-राजनीतिक पटकाथा तैयार हो गयी है। अब फिर पूरब और पश्चिम के बीच वैमनस्य की बयार बह चली है। जार्जटाउन विश्वविद्यालय में इतिहास एवं अंतरराष्ट्रीय विषय के प्रोफेसर और वूड्रो विल्सन सेंटर की शीतयुद्ध अंतरराष्ट्रीय इतिहास परियोजना के निदेशक रह चुके जेम्स हर्शबर्ग ने कहा, ‘‘ यह बिल्कुल शीतयुद्ध जैसा प्रतिध्वनित होता है।’’
उन्हें काफी कुछ ऐसा नजर आता है जो रूस के साथ आज के बढ़े तनाव में भिन्न है। उनका कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रामक रवैये का आधार उस तरह वैचारिक नहीं है जिस तरह सोवियत संघ के लिए साम्यवाद को लेकर था। हालांकि, उन्होंने कहा कि वतर्मान संकट में दो परमाणु महाशक्तियां एक दूसरे के सामने हैं तथा रूस का रणनीतिक अतिवादी कदम अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक बार फिर विध्वंसक स्थिति पैदा कर रहा है।
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