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सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका, सिर्फ 2 दिन और बची है स्कीम

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02:15 PM Oct 21, 2018 IST | Desk Team

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त्योहारी सीजन  में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इसी वजह से ज्यादातर लोग इस समय गोल्ड खरीदते हैं। ऐसे में सरकार आपको गोल्ड बांड खरीदने का मौका दे रही है। खास बात ये है की सरकार आपको इस खरीदे हुए गोल्ड पर ब्याज भी देगी। सरकार ने रिजर्व बैंक (RBI) के साथ सलाह करने के बाद Gold Bond Scheme, 2018-19  जारी करने का फैसला किया है। इसके लिए 15 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक की तारीख तय कर दी गई है। आप भी इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं, लेकिन अब इस स्कीम को बंद होने में महज तीन दिन बचे हैं। खास बात ये है कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर आपको ब्याज भी मिलेगा। आगे जानें इस स्कीम के बारे में सब कुछ :

कैसे तय होगी बांड की कीमत

भारत बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से पिछले 3 दिन 999 प्योरिटी वाले सोने की दी गई कीमतों के आधार पर इस बांड की कीमत रुपए में तय होती है। स्कीम के तहत इनिशियल इन्वेस्टमेंट पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा।

यहां से खरीदें सोना

बांड की बिक्री बैंकों, स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), मनोनीत डाकघरों तथा मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों नेशनल स्टाक एक्सचेंज तथा बीएसई लिमिटेड के जरिये की जाएगी। योजना का पहला चरण अभिदान के लिये 15 अक्टूबर को खुलेगा और 19 अक्टूबर को बंद होगी। वहीं बांड 23 अक्टूबर को जारी किया जाएगा।

अगला चरण 5 नवंबर को खुलेगा और 9 नवंबर को बंद होगा। उसके बाद यह 24 दिसंबर को आएगा और 28 दिसंबर को बंद होगा। चौथा और पांचवां चरण क्रमश: 14 से 18 जनवरी और 4 से 8 फरवरी को खुलेगा। चालू वित्त वर्ष में सरकारी स्वर्ण बांड योजना का पहला चरण 16 अप्रैल को खुला था।  इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद भौतिक रूप से सोने की मांग में कमी लाना तथा सोने की खरीद में में उपयोग होने घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है। घर में सोना खरीद कर रखने की बजाय अगर आप सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश करते हैं, तो आप टैक्‍स भी बचा सकते हैं।

 जानें गोल्ड बॉन्‍ड खरीदने के फायदे

ये सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड सोने की कीमतों से जुड़े होते हैं। जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही आपका निवेश भी ऊपर जाता है। गोल्‍ड ईटीएफ के मुकाबले इसके लिए आपको सालाना कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता है। आप इन बॉन्‍ड के आधार पर लोन भी ले सकते हैं। ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रोनिक फॉर्मेट में होते हैं, तो इससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता।

कैपिटल गेन टैक्स की भी हो सकती है बचत 

बांड की कीमतें सोने की कीमतों में अस्थिरता पर निर्भर करती है। सोने की कीमतों में गिरावट गोल्ड बॉन्ड पर नकारात्मक रिटर्न देता है। इस अस्थिरता को कम करने के लिए सरकार लंबी अवधि वाले गोल्ड बॉन्ड जारी कर रही है। इसमें निवेश की अवधि 8 साल होती है, लेकिन आप 5 साल के बाद भी अपने पैसे निकाल सकते हैं। पांच साल के बाद पैसे निकालने पर कैपिटल गेन टैक्स भी नहीं लगाया जाता है।

मिल सकता है लोन

जरूरत पड़ने पर गोल्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड पेपर को लोन के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की तरह होता है।

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