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सरकार की आलोचना करने पर चलेगा चाबुक! Maharashtra में सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी हुई गाइडलाइन

05:01 PM Jul 29, 2025 IST | Amit Kumar
Maharashtra

Maharashtra सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने हाल ही में अपने सभी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया उपयोग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य सरकारी सेवा नियमों का पालन सुनिश्चित करना और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकना है। Maharashtra सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स एक मजबूत संवाद माध्यम बन चुके हैं, लेकिन इनका गलत इस्तेमाल बढ़ रहा है। गोपनीय जानकारी लीक करना, अफवाह फैलाना, और राजनीतिक टिप्पणी करना, ये सभी गतिविधियां सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन मानी जाएंगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करता है या नीतियों पर नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है। ये नियम नियमित, संविदा, प्रतिनियुक्ति, सार्वजनिक उपक्रमों और शासी निकायों के कर्मचारियों पर भी लागू होंगे।

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Maharashtra सरकार के मुख्य दिशा-निर्देश?

1. निजी और सरकारी अकाउंट अलग-अलग रखें

Maharashtra में अब सरकारी कर्मचारी को सोशल मीडिया पर निजी और आधिकारिक कार्यों के लिए अलग-अलग अकाउंट रखने होंगे। इससे दोनों का दायरा साफ रहेगा।

2. प्रतिबंधित वेबसाइटों से दूरी बनाए रखें

Maharashtra में किसी भी प्रतिबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वेबसाइट का उपयोग करना पूरी तरह मना है।

3. जानकारी साझा करने के लिए अनुमति ज़रूरी

Maharashtra में अब सरकारी योजनाओं से जुड़ी कोई भी जानकारी केवल अधिकृत अधिकारी ही विभाग की मंजूरी के बाद पोस्ट कर सकते हैं।

4. खुद की तारीफ से बचें

सरकारी योजनाओं की सफलता को तो साझा किया जा सकता है, लेकिन किसी कर्मचारी को अपने निजी प्रचार से बचने को कहा गया है।

5. सरकारी प्रतीकों का उपयोग न करें

कोई भी कर्मचारी अपनी पोस्ट में सरकारी प्रतीकों जैसे सरकारी इमारत, लोगो, वाहन, पता आदि का उपयोग नहीं कर सकता, जब तक कि यह प्रोफाइल फोटो न हो।

6. भड़काऊ या आपत्तिजनक कंटेंट न डालें

जाति, धर्म, लिंग या अन्य किसी आधार पर नफरत फैलाने वाला, अपमानजनक या भेदभावपूर्ण कंटेंट पोस्ट करना सख्त मना है।

7. गोपनीय दस्तावेज़ साझा करना मना है

किसी भी सरकारी दस्तावेज़ या सूचना को बिना पूर्व अनुमति के पोस्ट करना नियमों का उल्लंघन होगा।

8. ट्रांसफर के समय अकाउंट सौंपना जरूरी

अगर कोई कर्मचारी ट्रांसफर होता है तो उसे अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट को नियमानुसार अगली जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी को सौंपना होगा।

इस राज्य में शादी से पहले अब कराना होगा HIV टेस्ट! नया प्लान तैयार कर रही सरकार

HIV: मेघालय सरकार राज्य में बढ़ते HIV और एड्स मामलों को गंभीरता से ले रही है। इसी सिलसिले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री एम्परीन लिंगदोह ने जानकारी दी है कि सरकार विवाह से पहले एचआईवी टेस्ट को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। यह फैसला राज्य में एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से लिया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पूर्वी खासी हिल्स जिले में अब तक 3,432 HIV और एड्स के केस सामने आ चुके हैं। इनमें से केवल 1,581 मरीजों को ही उचित इलाज मिल पा रहा है, जो चिंता का विषय है। मरीजों की तुलना में इलाज पाने वालों की संख्या बहुत कम है।

HIV को लेकर बैठक में हुआ निर्णय

HIV टेस्ट का  विचार एक विशेष बैठक के बाद सामने आया, जो उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन टिनसांग की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पूर्व खासी हिल्स के आठ विधायकों ने हिस्सा लिया और HIV के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई। इसी बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने यह प्रस्ताव रखा।

गोवा की तरह मेघालय में भी कानून!

एम्परीन लिंगदोह ने उदाहरण देते हुए कहा कि गोवा राज्य में विवाह से पहले HIV जांच पहले से ही अनिवार्य है। अगर गोवा ऐसा कर सकता है, तो मेघालय क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि इससे समाज को व्यापक स्तर पर लाभ होगा और HIV संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकेगा।

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