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नवजोत सिंह सिद्धू को फंसाने के लिए बादलों का हाथ - डॉ नवजोत कौर सिद्धू

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03:32 PM May 16, 2018 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर : क्रिकेट और सियासत में चौके-छिक्के लगाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू रोड़ रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहत मिलने के पश्चात उनके अमृतसर स्थित रिहायशी स्थल पर जश्र का माहौल है। इस जश्र के बीच उनकी अद्धांगनी डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि आखिर सच की जीत होती है। बीबी सिद्धू ने आरोप लगाया है कि सिद्धू को सियासत से हमेशा के लिए आउट करने की खातिर सुखबीर सिंह बादल ने पीडि़त परिवार की मदद की थी। परंतु रब्ब और जनता के प्यार के आगे दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। उन्होंने पंजाब की जनता को बधाई देते हुए कहा कि देर से ही सही उन्हें उनकी दुआओं की बदौलत इंसाफ मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि परमात्मा पर हमेशा विश्वास रखना चाहिए। उनका दावा था कि भले ही देश में आज कुछ ईमानदार और न्याय करने वाले लोग मौजूद है। जिनकी बदौलत देश चल रहा है।

डॉ नवजोत कौर ने स्पष्ट किया कि शिअद प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने सोची समझी साजिश के अधीन सिद्धू को फंसाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि गुरनाम सिंह के परिवार को बादल परिवार ने उकसाया था। उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी के खून का एक-एक कतरा देश और समाज के लोगों की भलाई के लिए है और जिसे वे आखिरी दम पर पूरा करने की कोशिश करेंगी।

स्मरण रहे कि 1988 में पटियाला में कार पार्किग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह के साथ सिद्धू का विवाद हो गया था और हाथापाई में गुरनाम सिंह घायल हो गए थे। जिन्होंने बाद में अस्पताल के अंदर दम तोड़ दिया। सियासी उठक-बैठक और रंजिश के बीच गुरनाम सिंह का परिवार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सिद्धू के खिलाफ केस लड़ता रहा और सिद्धू को हाईकोर्ट ने 3 साल की सजा के साथ एक लाख रूपए का जुर्माना ठोका था।

पंजाब सहित देशभर में कभी भाजपा की जिंदजान कहे जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से गुरू की नगरी अमृतसर का लोकसभा में नेतृत्व करते आ रहे है और अकाली दल के सुप्रीम प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल की खींचातानी के बीच सिद्धू ने भाजपा से नाता तोडक़र कांग्रेस का हाथ थामा था और अब पंजाब में वह केबिनेट मंत्री बने है। कांग्रेस में भी दाखिला लेने से लेकर मंत्री बनने तक अंदरखाते सिद्धू कैप्टन अमरेंद्र सिंह के निशाने पर चल रहे है। इसी बीच फास्टवे केबल, ट्रांसपोर्ट माफिया, रेत माफिया और पिछली सरकारों के विकास कार्यो में घोटालों की जांच उठाने के बाद सिद्धू आम जनता की नजर में स्टार सियासी नेता बनने की राह थामे है।

बहरहाल सिद्धू को राहत मिलने के उपरांत किस्मत ने एक बार फिर छक्का मारा है, जिससे उनके समथकों में खुशी की लहर है। आज गुरू की नगरी और पटियाला में सिद्धू के वारिस और समर्थक ढोल-नगाड़े बजा रहे है और लडडू भी बंाटे जा रहे है और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू अपनी बेटी के साथ परमात्मा का शुक्राना कर रही है। सोशल मीडिया पर एक लोकगीत के बोल चर्चा में है, ‘लडडू वंडदी कचहरी आवा, पहली पेशी..’। चाहे डॉ नवजोत सिद्धू पंजाब की कैप्टन सरकार में चढ़त ले चुकी है। सरकार में केबिनेट मंत्री और उसकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू बड़े रैंक की चेयरमैन है परंतु पंजाब के कांग्रेसी विधायक और वरिष्ठ आगु अंदर खाते कैप्टन खिलाफ बगावत का बिगुल बजा रहे है।

– सुनीलराय कामरेड

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