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देश की अखण्डता के लिए खून का आखिरी कतरा भी बहा देंगे - शाही इमाम पंजाब

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़चढ़ कर कुर्बानियां देने वाली पार्टी मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के 89वें स्थापना दिवस के मौके पर आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना

08:18 PM Dec 29, 2018 IST | Desk Team

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़चढ़ कर कुर्बानियां देने वाली पार्टी मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के 89वें स्थापना दिवस के मौके पर आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना

लुधियाना : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़चढ़ कर कुर्बानियां देने वाली पार्टी मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के 89वें स्थापना दिवस के मौके पर आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना में पार्टी के अध्यक्ष व शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने ध्वज लहरा कर स्थापना दिवस के कार्यक्रम की शुरूवात की।

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इस अवसर पर मौलाना हबीब सानी ने कहा कि इस पार्टी की स्थापना भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी रईस उल अहरार मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी प्रथम, सैय्यद उल अहरार, सैय्यद अताउल्लाह शाह बुखारी, चौधरी अफजल हक ने 29 दिसंबर 1929 ई0 को लाहौर के हबीब हाल में की थी। अहरार पार्टी की स्थापना इसलिए की गई थी कि हम देश में उस समय मौजूद जालिम अंग्रेज सरकार को देश से उखाड़ फैंकें और अहरार पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने अपने इस फर्ज को अच्छी तरह निभाया। एक-दो नहीं बल्कि हजारों अहरारी कार्यकत्र्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में जेलें काटीं हैं।

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शाही इमाम ने कादियानी जमात की निंदा करते हुए केंद्र सरकार को चेताया कि वह मुसलमानों की विरोधता में कादियानों की सहायता करने से पहले ये बात अच्छी तरह से समझ लें कि मिर्जा गुलाम कादियानी देश की जंग-ए-आजादी का गद्दार था और आज भी कादियानी आंतकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। शाही इमाम ने बताया कि बीते सालों में कादियान से कई आतंकी पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार भी किए है।

शाही इमाम ने कहा कि अगर आज भी जरूरत पड़ी तो हम अपने देश की अखण्डता के लिए खून का आखिरी कतरा भी बहा देंगे। उन्होंने कहा कि अहरार किसी इतिहासकार की मुहताज नहीं है, हम अपना इतिहास अपने खून से लिखते हैं। उन्होंने कहा कि आज भी अहरारी देश की एकता और अखण्डता के लिए काम कर रहे हैं। शाही इमाम मौलाना हबीब ने कहा कि अंग्रेज तो भारत छोड़ गये, लेकिन उसके कई ‘टोढी’ आज भी देश में मौजूद हैं, जिन्हें हम बेनाब करते रहेंगे।

इस अवसर पर पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहुअलैही वसल्लम की जीवनी पर रौशनी डालते हुए शाही इमाम ने कहा कि प्यारे नबी ने इंसानियत को गुलामी से आजादी दिलवा कर दुनिया भर के इंसानों को बराबरी का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हर खास और आम तक पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहुअलैही वसल्लम का पैगाम पहुंचाया जाये ताकि आपस की नफरतें, मुहब्बतों में बदल जायें।

शाही इमाम ने कहा कि मोदी सरकार तीन तालाक के नाम पर एक काला कानून मुस्लिम समुदाय पर थोप रही है, जिसे हरगिज बदार्शत नहीं किया जाएगा। देश के संविधान के मुताबिक हर एक व्यक्ति अपने धर्म और आस्था के मुताबिक जीवन बिताने के लिए स्वतंत्र है और हमारी ये स्वतंत्रता कोई राजनीतिक पार्टी नहीं छीन सकती। इस अवसर पर अतीक उर रहमान लुधियानवीं, कारी अलताफ उर रहमान, नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी लुधियानवीं, गुलाम हसन कैसर, कारी मोहतरम, मुहम्मद शहनवाज, अकरम अली, मुहम्मद सरफराज, मुफ्ती जमालुद्दीन, कारी इब्राहिम, मौलाना अतीक उर रहमान फैजावादी व शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम अहरारी आदि मौजूद थे।

– रीना अरोड़ा

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