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राम रहीम को माफी देने वाला खत 8 साल पुराना था - तरलोचन सिंह

पंजाब की अकाली सियासत में सर्वोच्च रूतबा रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल परिवार समेत

07:01 PM Mar 30, 2019 IST | Desk Team

पंजाब की अकाली सियासत में सर्वोच्च रूतबा रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल परिवार समेत

लुधियाना-अमृतसर : पंजाब की अकाली सियासत में सर्वोच्च रूतबा रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल परिवार समेत पुन: आलोचना के घेरे में आने की संभावनाएं प्रबल है। राज्यसभा के पूर्व सांसद तरलोचन सिंह ने दावा किया है कि जिस खत के आधार पर सच्चा सौदा प्रमुख को वर्ष 2015 के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब से माफी दी गई थी, वह खत 8 साल पुराना था और उस खत को उन्होंने ही यानि तरलोचन सिंह ने स्वयं तैयार करवाया था। तरलोचन सिंह ने यह भी कहा कि सच्चा सौदा द्वारा उस खत को आर्य समाज आगु स्वामी अगिनवेश ने वर्ष 2007 में अकाल तख्त पर ले जाकर पहुंचाया था।

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तरलोचन सिंह ने दावा किया कि असल में उस खत के अंदर माफी शबद ही नहीं था। और यह खत 8 साल तक अकाल तख्त पर ही पड़ा रहा। तरलोचन सिंह अमृतसर में खालसा दीवान द्वारा आयोजित श्री गुरूनानक देव जी के फ़लसफे पर हुए सेमीनार में संबेाधित करने आएं थे। तरलोचन सिंह ने कहा कि तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने इस बारे खुलासा करके यह मामला पुन: खोला है। वर्ष 2007 के दौरान सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा दशम गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के स्वांग रचाने का मामला प्रकाश में आया था। उस वक्त पंजाब में सिखों और डेरा प्रेमियों के मध्य खूनी झड़पे हुई थी, जिसके पश्चात श्री अकाल तख्त ने एक हुकमनामे के जरिए सिख संगत को डेरे का बायकाट करने का आदेश दिया था।

उस वक्त कुछ ही देर बाद मामले को शांत करने के लिए चारों तरफ प्रयत्न आरंभ हुए थे और इस बारे जिक्र करते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य तरलोचन सिंह ने दावा किया है कि उस वक्त इस मामले का उचित हल निकालने के लिए स्वामी अगिनवेश की अध्यक्षता में सर्व धर्मो के एक 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने इस मामले को शांत करने के लिए विचोलिए की भूमिका निभाई थी।

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उन्होंने कहा कि उस वक्त डेरा प्रमुख द्वारा एक खत लिखा गया था, जोकि दिल्ली में उनके द्वारा तैयार किया गया था और उसपर डेरा प्रमुख के हस्ताक्षर भी थे। तरलोचन सिंह के मुताबिक वह उस खत को लेकर स्वामी अगिनवेश 29 मई 2007 को अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे, उन्होंने सौदा प्रमुख को माफ करने का निवेदन किया था लेकिन उस वक्त अकाल तख्त के ततकालीन जत्थेदार ज्ञानी जुगिंद्र सिंह वेदांती ने सौदा प्रमुख को माफी देने से इंकार कर दिया था और यह खत उसके बाद 8 साल तक अकाल तख्त पर पड़ा रहा।

ज्ञानी इकबाल सिंह का दावा है कि वर्ष 2015 के दौरान उस खत में माफी के शब्द शामिल करके सौदा प्रमुख को माफी दी गई। उनके मुताबिक तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने कुछ दिन पहले यही बयान दिया था कि जिस खत के आधार पर सौदा प्रमुख को स्वांग रचाने वाले केस में जत्थेदारों द्वारा 24 सितंबर 2015 को माफी दी गई थी, उस खत में माफी का याचक शब्द शामिल नहीं था। इकबाल सिंह का यह भी दावा है कि उस खत में क्षमा याचक शब्द अकाल तख्त के कंप्यूटर द्वारा ज्ञानी गुरमुख सिंह ने दिल्ली से अपने विशेष सेवादार को बुलाकर बाद में लिखवाया था।

स्मरण रहे कि ज्ञानी गुरबचन ङ्क्षसह की अध्यक्षता में जिन जत्थेदारों द्वारा सौदा प्रमुख को क्षमा याचना देने वाला विवादपूर्ण फैसला लिया गया था, ज्ञानी इकबाल सिंह उनमें से एक जत्थेदार थे और अब इस संबंध में ज्ञानी इकबाल सिंह ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और पुलिस गोलीकांड की जांच के लिए बनाई एसआइटी के आगे पेश होकर बयान कलमबद्ध करवाएं है।

– सुनीलराय कामरेड

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