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नहीं हुआ चांद का दीदार, रविवार को रखा जाएगा पहला रोजा: Maulana Khalid Rashid

रमजान का चांद नहीं दिखा, रविवार से शुरू होगा रोजा

04:37 AM Feb 28, 2025 IST | IANS

रमजान का चांद नहीं दिखा, रविवार से शुरू होगा रोजा

मुसलमानों को रमजान के महीने का बेसब्री से इंतजार है। रमजान के चांद का शुक्रवार को दीदार नहीं हुआ। लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि अब पहला रोजा रविवार को रखा जाएगा।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली काजी-ए-शहर ने शुक्रवार को ऐलान किया, “आज 29 शाबान 1446 मुताबिक 28 फरवरी 2025 को रमजानुल मुबारक का चांद नहीं हुआ है। इसलिए पहला रोजा 2 मार्च 2025 को रखा जाएगा। शनिवार (1 मार्च) को चांद दिखने के साथ ही तरावीह शुरू हो जाएगी।” साथ ही उन्होंने सभी को रमजान की मुबारकबाद दी।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के नेतृत्व में मरकजी चांद कमेटी ने ऐशबाग में चांद के दीदार का इंतजार करते रहे, लेकिन चांद नजर नहीं आया। मौलाना खालिद रशीद का कहना है कि कहीं से भी चांद नजर आने की कोई खबर सामने नहीं आई है।

इससे पहले उन्होंने रमजानुल मुबारक को लेकर एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी के अनुसार, इस्लाम मजहब में रमजानुल मुबारक सबसे पवित्र महीना है, इसलिए तमाम मुसलमान यह पूरा महीना इबादत ही में गुजारें। रमजानुल मुबारक में पूरे महीने रोजा रखना हर आकिल, बालिग, मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है। रोजा इफ्तार सही वक्त पर ही करें। अगर रोजा वक्त से पहले खोल लिया तो रोजा खराब हो जाएगा।

इसमें कहा गया है कि अगर इफ्तार करने में ज्यादा देर की तो रोजा मकरूह हो जाएगा यानी सवाब कम हो जाएगा। कमेटी ने हर हैसियत वाले व्यक्ति से इफ्तार पार्टियों का एहतिमाम करने और उसमें गरीबों को भी शामिल करने की अपील की है।

कमेटी ने कहा है कि इस मुबारक महीने में तरावीह जरूर पढ़ी जाए, क्योंकि रमजान में ही खुदा पाक ने पूरा कुरान पाक उतारा है। तरावीह पढ़ने वाले नमाजी और मस्जिदों की प्रबंधन कमेटी इस बात को सुनिश्चित करें कि नमाजियों की गाड़ियां तय स्थान पर पार्क की जाएं जिससे ट्रैफिक में कोई रुकावट पैदा न हो।

एडवाइजरी में कहा गया है कि सेहरी करना सुन्नत है लेकिन सेहरी के वक्त बार-बार ऐलान न किया जाए और न ही किसी प्रकार का शोर किया जाए जिससे पड़ोसियों और मोहल्ले वालों को कोई तकलीफ हो। जिन लोगों पर जकात फर्ज है कि वे अपने माल का ढाई प्रतिशत निकालकर हकदार को दें। इस मुबारक माह में जरूरतमंदों की मदद करने से 70 गुना से अधिक सवाब मिलता है, इसलिए उसमें अधिक से अधिक सका और खैरात देने का एहतिमाम किया जाए।

इसके अलावा यह भी कहा गया है कि इस्लाम ने सफाई का विशेष ख्याल रखा है, इसलिए मस्जिदों के पास और मोहल्लों में सफाई का विशेष ख्याल रखें। इस मुबारक माह में खुदा पाक रोजेदारों की दुआएं कुबूल करता है। इफ्तार और सेहरी के वक्त अपने और अपने घर वालों के साथ-साथ देश तथा मिल्लत की उन्नति, प्रगति, अमन और शांति तथा हिफाजत के लिए दुआएं जरूर करें।

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