डेरा सिरसा प्रेमियों द्वारा राजासांसी में रखी गई नामचर्चा सिख जत्थेबंदियों के विरोध के कारण हुई रदद
अमृतसर के राजासांसी इलाके में अजीत पेलेस के अंदर डेरा सिरसा प्रेमियों द्वारा रखी गई नामचर्चा की भनक मिलते ही अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों के विरोध के कारण पुलिस प्रशासन द्वारा हरकत में आने के बाद किसी अनहोनी घटना को रोकने के लिए नामचर्चा रदद कर दी गई।
02:02 PM Aug 28, 2019 IST | Shera Rajput
लुधियाना-अमृतसर : अमृतसर के राजासांसी इलाके में अजीत पेलेस के अंदर डेरा सिरसा प्रेमियों द्वारा रखी गई नामचर्चा की भनक मिलते ही अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों के विरोध के कारण पुलिस प्रशासन द्वारा हरकत में आने के बाद किसी अनहोनी घटना को रोकने के लिए नामचर्चा रदद कर दी गई।
इसी कारण काफिलों के रूप में पहुंचे डेरा प्रेमी नामचर्चा किए बगैर बेरंग वापिस लौट गए। इसी संबंध में पुलिस स्टेशन राजासांसी के प्रमुख इंस्पेक्टर सुखजिंद्र सिंह खेरा ने बताया कि अमृतसर की आबादी कोटला मितसिंह के रहने वाले सुच्चा सिंह नामक शख्स जोकि डेरा प्रेमी है, उसने राजासांसी क्षेत्र में अपना अस्तित्व बनाने के लिए बाहरी क्षेत्र में डेरा प्रेमी इकटठा करके बिना जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की अनुमति लिए बिना स्थानीय कस्बा के अजीत पेलेस में आज नामचर्चा रखी थी।
जिसका पता पुलिस पार्टी को लगा तो दूसरी तरफ सिख जत्थेबंदियों को भी इसकी भनक मिली। वह इसका विरोध करने और इस नामचर्चा समागम को रोकने के लिए दमदमी टकसाल के प्रमुख भाई अमरीक सिंह अजनाला, श्री गुरू ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के सदस्य और कर भला हो भला सेवा सोसायटी व अन्य जत्थेबंदियों के सेवादार और पैरोपकार बड़ी संख्या में पहुंचने शुरू हो गए। काफी विवाद के बाद आखिर डेरा प्रेमी बिना नामचर्चा वापिस लोट गए।
स्मरण रहे कि पिछले कई सालों से पंजाब में नामचर्चा का सिख जत्थेबंदियां विरोध करती आ रही है। डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कई साल पहले पंजाब में गुरू गोबिंद सिंह जी के रूप की हुबहू नकल करते इंसा-ए- जाम अपने पैरोपकारों को पिलाया था, जिसका सिख संगत ने भारी विरोध किया था और अकाल तख्त द्वारा गुरमीत राम रहीम को पंजाब से निकल जाने की हिदायतें जारी हुई थी।
– सुनीलराय कामरेड
Advertisement
Advertisement