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युवाओं को जीने की कला व संस्कृति से जुड़ने की जरूरत: राज्यपाल

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11:49 AM Oct 22, 2017 IST | Desk Team

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करनाल: राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हरियाणा की धरती के वीर लोहे का मन, इस्पात का तन तथा सोने की तकदीर रखते है, प्रदेश के युवाओं में वो ताकत है जो देश की एकता, अखंडता, सदभावना व भाई-चारे को बढ़ावा दे सकते है, इसके लिए युवाओं को जीवन जीने की कला तथा देश की संस्कृति से जोडने की जरूरत है। राज्यपाल शनिवार को निफा द्वारा स्थानीय अल्फा इंटरनैशनल सिटी में आयोजित 8 दिवसीय हारमनी-2017 अन्र्तराष्ट्रीय युवा एवं सांस्कृतिक महोत्सव के उदघाटन अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल सहित गीता मनीषी ज्ञानानन्द जी महाराज, समाजसेवी डा. एसएन सुब्बाराव, अभिनेता सुरेन्द्र पाल, अल्फा के सीओ आशीष सरीन, न्यूजीलैंड से आए अतिथि डा. सुमन कपूर, रसिया से आए अतिथि मंगलम दुबे, आन्ध्रप्रदेश की युवा मामलों की आयुक्त कोमल जोगपाल, भरत जेठवानी, निफा के अध्यक्ष प्रीतपाल पन्नू, नरेश बराना, जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त डा. आदित्य दहिया व पुलिस अधीक्षक जश्रदीप सिंह रंधावा ने दीप शिखा प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम में निफा द्वारा राज्यपाल व गीता मनीषी ज्ञानानन्द जी महाराज को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा कार्यक्रम का आगाज युवा कलाकारों ने वंदे मात्रम व हरियाणावी पोप नृत्य की प्रस्तुति देकर किया। राज्यपाल ने कहा कि अन्र्तराष्ट्रीय युवा सांस्कृतिक महोत्सव के माध्यम से युवाओं में नई जागृति पैदा होगी। हरियाणा की स्वर्ण जयंती वर्ष कार्यक्रम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है जिसकी शुरूआत एक नवम्बर को गुरूग्राम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी और इसका समापन 31 अक्तूबर को खेल महाकुंभ के रूप में हिसार में किया जाएगा, जिसमें देश के उपराष्ट्रपति श्री वकैया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेगें। इन कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार का एक ही उदेश्य है कि प्रदेश के युवाओं को देश प्रेम, मानवीय संवेदना, मानवीय मूल्यों, परम्पराओं व संस्कृति से जोडकर रखना है ताकि देश में ही नही पूरे विश्व में भारत का युवा अपनी पहचान बना सकें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सपना है कि 2022 में स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगांठ पर भारत ऐसा नया भारत हो जिसमें गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, अहिंसा, जातिवाद, सम्प्रदायिकता ना हो, सभी युवा चरित्रवान हो। उन्होंने निफा द्वारा आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि हारमनी 2017 कमाल है विश्वबंधुत्व आह्वान है। कार्यक्रम में गीता मनीषी ज्ञानानन्द जी महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज भौतिकवाद के इस युग में युवाओं में मानव मूल्य, संवेदना व सदभावना पैदा करने की आवश्यकता है, इससे देश की संस्कृति बचेगी और युवा राष्ट्रहित के बारे में सोचेगा। भारत ही एक ऐसा देश है जिसने विश्व को अपना परिवार समझा है। भारतीय मूल्यों में आज भी इतनी क्षमता है जो पूरे विश्व को एकता के सुत्र में बांधे रखता है।

उन्होंने कहा कि गीता जीवन का सार है, गीता जीवन का आधार है, गीता मानवीय मूल्यों की पूर्ण रूप से प्रेरणा है। उन्होंने कार्यक्रम के माध्यम से अपील की कि वे दर्योधन को नही बल्कि स्वामी विवेकानन्द के आचरण को धारण करके आगे बढ़े। उन्होंने निफा जैसी एनजीओ के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में निफा के अध्यक्ष प्रीतपाल पन्नू ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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