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कोरोना के नए JN.1 Variant ने दुनिया को डराया, देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट, क्या फिर लगेगा Lockdown?

05:10 PM Dec 21, 2023 IST | Yogita Tyagi
कोरोना के नए jn 1 variant ने दुनिया को डराया  देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट  क्या फिर लगेगा lockdown

JN.1 Variant: साल 2019 नवम्बर महीने में चीन में कोरोना का पहला मामला मिलने के बाद से इस वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई हुई है। पिछले सालों में कोरोना की तीन लहरें सामने आई जिसके बाद इस वायरस का आतंक कुछ कम हुआ और लोगों ने इसे भुलाना शुरू ही किया था कि फिर से एक बार कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 दुनिया भर में फैलने लगा है और भारत के कई राज्यों में भी JN.1 Variant के केस सामने आने लगे हैं। कोरोना का यह नया सब वेरिएंट JN.1 अबतक 40 देशों में फ़ैल चुका है। भारत में फ़िलहाल कोरोना के 2669 एक्टिव मामले दर्ज हैं इनमें से 21 मामले नए सब वेरिएंट JN.1 के हैं। कोरोना का इस तरह से बढ़ना क्या एक बार फिर लॉकडाउन की स्तिथि पैदा कर सकता है? इस समय जिस प्रकार देश और दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसको देख कर वही दौर याद आता है जब भारत में बढ़ रहे केसेस से लॉकडाउन लग गया था। वह समय भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के लिए बहुत बुरा था। कोरोना के इस नए वेरिएंट के मामले सबसे पहले चीन, अमेरिका , सिंगापुर में पाए गए हैं, फ़िलहाल हाल कुछ ऐसे हैं कि भारत भी इसकी चपेट में आ गया है। भारत के राज्य केरल व राजस्थान में तो इस वेरिएंट को लेकर राज्य सरकार ने हाई अलर्ट भी जारी किया है। कोरोना के इस नए वेरिएंट पर कई बार स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठकें भी हो चुकी हैं जो अब भी जारी हैं।

क्या फिर से लौटेगा लॉकडाउन?

साल 2020-2021 भारत सहित दुनिया भर के लिए एक बहुत बुरा समय रहा। कोई भी उस समय को याद नहीं रखना चाहता, जब लोग आपस में एक दूसरे से दुरी बनाकर चलने लगे थे, लोग अपने घर और काम को छोड़कर कोरोना डर से अपने गावों की और भाग चले थे और शहर मानों खाली पड़े हो, वहां एक उजाड़ जैसी स्थिति बन गयी थी, सड़कों पर लोग नहीं बल्कि जानवर दिखने लगे थे। उस समय मास्क किसी भी चीज से ज्यादा जरुरी हो गया था, दुकानों में बैठे दुकानदान एक छोटी से खिड़की से सामान पास करने लगे थे और लोग अपने घरों से बाहर जाते हुए ड़रने लगे थे वे अपने घरों में कैद रहने लगे थे। कुछ लोग तो इस महामारी के डर से पूरी तरह ही शहर छोड़ कर भाग गए और आज तक भी वापस नहीं लौटे क्योंकि यहाँ से उनके लिए रोजी-रोटी कमाने के सभी साधन खत्म ही हो गए थे और कुछ उन्हें इस महामारी का डर था। लेकिन जैसे ही लोग उस समय को भूलना शुरू करते हैं कोरोना का नया वेरिएंट निकल कर सामने आ जाता है। हाल ही में भारत में फिर से कोरोना का नया JN.1 वेरिएंट फ़ैल रहा है जिसे लेकर अब सवाल है कि क्या कोरोना के बढ़ते यह केस एक बार फिर लॉकडाउन लगवा देंगे? हाल -फिलाहल में सरकार की तरफ से ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं आई है लेकिन कई राज्य सरकारों ने इसको लेकर हाई अलर्ट जारी जरूर किया गया है जिसमें मास्क सहित सावधान रहने को लोगों से कहा गया है।

कितना खतरनाक है JN.1 वेरिएंट?

कोरोना का यह नया JN.1 वेरिएंट सबसे पहले लक्जमबर्ग में पाया गया था। इसका पहला मामला लक्जमबर्ग में मिलने के बाद यह तेजी से बाकि के 40 देशों में फैलता चला गया। WHO ने इसे वैरीअंट ऑफ इंटरेस्ट बोला है। JN.1 वेरिएंट कोरोना के पिरोला (BA.2.85) से निकला है और पिरोला ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट से जन्मा है। कोरोना वेरिएंट में म्यूटेशन ज्यादा होते हैं जिससे दिक्क्तें बढ़ती हैं। पिछले 2 हफ़्तों में भारत में कोरोना से पीड़ित 16 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। लेकिन एक मुख्य बात यह भी है कि जिन लोगों की इस वायरस से मौत हुई है वे कोरोना के अलावा भी कई गंभीर बिमारियों से जूझ रहे थे।

क्या कहते हैं आंकड़ें?

बुधवार को ही भारत में कोरोना के 614 नए मामले दर्ज हुए हैं और आज गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 358 कोरोना केस दर्ज हुए हैं, जो बहुत खतरनाक बताया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार तक के आकड़ों के मुताबिक कोरोना के एक्टिव केस 2,669 तक पहुंच गए हैं। बुधवार को केरल में कोरोना से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है जिससे अब तक कोरोना से मरने वालों की मौत का आंकड़ा 5 लाख 33 हजार 321 पहुंच गया है। यदि हम अब तक के कोरोना मामलों की बात करें तो अकेले भारत देश में कोरोना के 4.50 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं।

JN.1 वेरिएंट पर WHO की रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 Variant को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार JN.1 वेरिएंट दूसरे वायरस से ज्यादा तेजी से फैलता है। हालाँकि इस नए वायरस के बारे में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज ने बताया है कि यह वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है। JN.1 वेरिएंट को पहले BA.2.86 से जोड़ा जाता था लेकिन हाल ही में WHO से इसे इसके साथ नहीं जोड़ा है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए ली गई वैक्सीन फ़ैल रहे इस वेरिएंट से भी व्यक्ति की सुरक्षा करेगी। यह अंदर जाने वाले संक्रमण को रोकने में मददगार होगी। वैक्सीन लगवाने का फायदा आप अब भी देखने को मिलेगा।

JN.1 वेरिएंट के क्या हैं लक्षण?

JN.1 Variant के शुरुआती लक्षणों में गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और बुखार हो सकता है। इसमें सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है और नाक से सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। इसके अलावा कुछ मामलों में हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे परेशानियां भी देखी गई हैं।

बचाव के ये हैं उपाय

डॉक्टर्स के अनुसार JN.1 के बचाव को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन, डॉक्टर्स के अनुसार इसे लेकर आपको सतर्क और सावधान रहने की जरुरत है। इस वायरस से ड़रने के बजाय खुद को सुरक्षित रख कर आप इससे बच सकते हैं। वायरस से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनकर घर से बाहर जाएं, अपने हाथों को बाहर जाने या आने के बाद साबुन से धोएं या सैनिटाइडर का उपयोग करें, खांसते और छींकते टाइम अपने मुँह को कपडे से ढक लें या टिश्यू पेपर का उपयोग करें, कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं इससे बचने की कोशिश न करें क्योकि वैक्सीन से बचाव आपको कोरोना से पीड़ित रोगी बना सकता है। इसके अलावा कोई भी लक्षण दिखने पर घर से बाहर निकलने से बचें और तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करें और किसी भी मरीज के संपर्क में आने से बचें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं।

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