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दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों ने सभी आवश्यक अनुमति नहीं ली थीं - अमृतसर पुलिस

अमृतसर पुलिस ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था लेकिन आयोजकों ने नगर निगम

10:45 PM Oct 20, 2018 IST | Desk Team

अमृतसर पुलिस ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था लेकिन आयोजकों ने नगर निगम

अमृतसर पुलिस ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था लेकिन आयोजकों ने नगर निगम और प्रदूषण विभाग से अनुमति नहीं ली थी।

अनुमति दस्तावेजों के मुताबिक, आयोजकों ने लाउड स्पीकरों के इस्तेमाल पर पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों को पालन करने का आश्वासन दिया जिसके बाद उन्हें कार्यक्रम करने की इजाजत दे दी।

इसमें कहा गया कि उन्होंने यह आश्वासन दिलाया था कि यातायात आवाजाही बाधित नहीं होगी और कार्यक्रम में कोई भी हथियार नहीं लाएगा।

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कार्यक्रम का आयोजक और दशहरा समिति (पूर्व) का अध्यक्ष सौरभ मदान कांग्रेस पार्षद विजय मदान का पति है। उसने 19 अक्टूबर को कार्यक्रम के लिए इजाजत मांगी थी। उन्होंने पुलिस सुरक्षा की भी मांग की थी क्योंकि कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को भी आना था।

पुलिस उपायुक्त अमरिक सिंह पवार ने कहा कि आयोजकों से नगर निगम और प्रदूषण विभाग से भी अनुमति लेने को कहा गया था।
पवार ने कहा, ‘‘ अगर इनमें से कोई इजाजत नहीं दी जाती है तो दशहरा के कार्यक्रम का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जाती है।’’
इससे पहले शनिवार ने अमृतसर नगर निगम (एएमसी) ने कहा कि यहां ‘धोबी घाट’ मैदान में दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई थी।

अमृतसर नगर निगम की आयुक्त सोनाली गिरी ने यहां बताया, ‘‘दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति किसी को नहीं दी गई थी। इससे भी ज्यादा यह है कि किसी ने भी अमृतसर नगर निगम में अनुमति के लिए आवेदन भी नहीं किया था।’’

उन्होंने कहा कि समारोह यहां ‘धोबी धाट’ मैदान में आयोजित किया गया था। आयुक्त ने कहा कि पिछले साल से विपरीत शुक्रवार शाम में बड़े पैमाने पर समारोह का आयोजन किया गया था।

अकाली दल, भाजपा और आप सहित विपक्षी दलों ने समारोह आयोजित करने की अनुमति देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने रेलवे पटरी के नजदीक दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया।

अमृतसर के निकट जोड़ा फाटक पर जब यह हादसा हुआ उस समय पटरियों से सटे मैदान पर ‘रावण दहन’ देखने के लिए कम से कम 300 लोग वहां जुटे हुए थे।

रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए जिसमें कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई।

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