अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार थमी: पहली तिमाही में GDP -0.5% गिरा, मंदी की आशंका गहराई
वॉशिंगटन : अमेरिका की अर्थव्यवस्था से जुड़े पहली तिमाही (Q1) के आँकड़े सामने आ गए हैं, जो आर्थिक सुस्ती और उपभोक्ता मांग में गिरावट का साफ संकेत दे रहे हैं। ताज़ा जारी GDP डेटा में जहां वृद्धि दर ऋणात्मक रही, वहीं बेरोजगारी के आंकड़ों में मामूली सुधार से थोड़ी राहत भी देखने को मिली है। लेकिन कुल मिलाकर आर्थिक तस्वीर चिंता बढ़ाने वाली है। यदि लगातार दो तिमाहियों तक ग्रोथ निगेटिव रहती है, तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था आधिकारिक रूप से 'मंदी' (Recession) की स्थिति में प्रवेश कर सकती है।
Q1 GDP में गिरावट: अनुमान से अधिक मंदी
- GDP ग्रोथ (QoQ Final): -0.5%
विशेषज्ञों ने -0.2% की गिरावट का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आँकड़ा इससे भी अधिक कमजोर निकला। इसका अर्थ है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही के मुकाबले 0.5% सिकुड़ गई है।
- GDP प्राइस इंडेक्स (महंगाई सूचकांक): 3.8%
अनुमान था 3.7%, लेकिन वास्तविक आंकड़ा ज़्यादा आया, जो दर्शाता है कि महंगाई का दबाव बना हुआ है और लागतें लगातार बढ़ रही हैं।
- Final Sales (अंतिम बिक्री): -3.1%
डिमांड में तेज गिरावट को दर्शाते हुए यह आँकड़ा -2.9% के अनुमान से भी नीचे रहा, जो उपभोक्ता खर्च और इन्वेंटरी में गिरावट को दर्शाता है।
- बेरोजगारी में हल्का सुधार, लेकिन सतर्कता जरूरी
Initial Jobless Claims (21 जून तक सप्ताह): 2.36 लाख
पिछले सप्ताह के 2.46 लाख की तुलना में यह आंकड़ा 10,000 कम है। यह बेरोजगारी में थोड़े सुधार का संकेत देता है, लेकिन अर्थव्यवस्था में संकुचन के माहौल को देखते हुए इसे पूरी तरह सकारात्मक संकेत नहीं माना जा सकता।
- GDP ग्रोथ निगेटिव क्यों होती है और इसके मायने क्या हैं?
GDP यानी Gross Domestic Product उस कुल मूल्य को दर्शाता है, जो किसी देश में एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के जरिए अर्जित होता है। जब GDP ग्रोथ ऋणात्मक (Negative) होती है, तो इसका मतलब है कि देश की आर्थिक गतिविधियां घट रही हैं— यानी कंपनियों का उत्पादन घटा है, दुकानों की बिक्री कम हुई है, निवेश घटा है और लोग खर्च कम कर रहे हैं।
निगेटिव GDP के संभावित कारण:
- ब्याज दरों का ऊँचा होना, जिससे लोन महंगे हो जाते हैं।
- महंगाई अधिक होने पर उपभोक्ता खर्च में कमी।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गिरावट या एक्सपोर्ट में कमी।
- वैश्विक आर्थिक मंदी, महामारी या प्राकृतिक आपदा।
निगेटिव GDP के प्रभाव:
- बेरोजगारी बढ़ सकती है। कंपनियां नई भर्ती बंद कर सकती हैं या छंटनी कर सकती हैं।
- कंपनियों के मुनाफे घटते हैं। शेयर बाजारों में गिरावट का खतरा।
- सरकार की टैक्स आमदनी घटती है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
- महंगाई और बेरोजगारी के दोहरे झटके से मध्यम और निम्न वर्ग पर प्रभाव प्रभावित होते हैं।
क्या अमेरिका मंदी की ओर बढ़ रहा है?
आर्थिक परिभाषा के अनुसार यदि किसी देश की GDP दो लगातार तिमाहियों तक निगेटिव रहती है, तो उसे "आर्थिक मंदी" (Recession) माना जाता है। Q1 में -0.5% की गिरावट के बाद यदि दूसरी तिमाही में भी यही ट्रेंड जारी रहा, तो अमेरिका आधिकारिक रूप से मंदी की चपेट में आ जाएगा।