W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

देश का जोश हाई है...

हालांकि तब कई पाठक इस कालम की तीखी प्रतिक्रिया को लेकर यह भी कहते थे कि मैं जोश में सब कुछ लिख रहा हूं लेकिन अब सब कुछ सामने आ चुका है।

03:13 AM Aug 18, 2019 IST | Aditya Chopra

हालांकि तब कई पाठक इस कालम की तीखी प्रतिक्रिया को लेकर यह भी कहते थे कि मैं जोश में सब कुछ लिख रहा हूं लेकिन अब सब कुछ सामने आ चुका है।

देश का जोश हाई है
Advertisement
आर्टिकल 370 के खात्मे के साथ ही जम्मू-कश्मीर में एक नई सुबह हो चुकी है। सब जानते हैं कि संविधान की आड़ में इस धारा को लेकर एक खेल खेला जा रहा था और इसमें कई राजनीतिक दल और बड़े-बड़े नेता जो गुजरे कल के उस्ताद थे अब बेनकाब हो चुके हैं। धारा 370 को लेकर इस कालम के माध्यम से लेखनी बहुत पहले ही बहुत कुछ लिख चुकी है। कलम देखने में छोटी हो सकती है लेकिन उसकी धार तलवार की तरह काम करती है। फिर भी याद दिलाने के लिए उस कालम का उल्लेख करना चाहूंगा जब यहां लिखा गया था कि भाजपा ही धारा 370 खत्म करके दिखायेगी क्योंकि देशवासियों को अब इसी पार्टी से उम्मीद है।
Advertisement
हालांकि तब कई पाठक इस कालम की तीखी प्रतिक्रिया को लेकर यह भी कहते थे कि मैं जोश में सब कुछ लिख रहा हूं लेकिन अब सब कुछ सामने आ चुका है। सबसे बड़ी बात यह है कि आज भी जो विपक्ष और इससे जुड़े नेता अगर 370 को लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं तो मेरा उनसे यही सवाल है कि जब कश्मीर घाटी में हिन्दू कश्मीरियों के खून से होली खेलकर उन्हें वहां से खदेड़ा जा रहा था तब 370 को लेकर वह आवाज क्यों नहीं उठा रहे थे। कश्मीर में हिंदुओं और निरपराध लोगों की हत्याओं को लेकर तब हुर्रियत के नेताओं के मुंह में भी दही जमी हुई थी। जब मुसलमानों के तथाकथित मसीहा बनकर आतंक के प्रमोटर कश्मीर में युवकों को भड़का कर उन्हें आतंक की फैक्ट्री में भर्ती करवाते रहे तब पीडीपी, नेकां और हुर्रियत वाले चुप क्यों रहे?
Advertisement
जिस वक्त घाटी में हिन्दुओं पर गोलियां दागी जा रही थी तब विपक्षी नेता चुप क्यों थे। वे आज 370 को लेकर क्यों चिल्ला रहे हैं। हमें इन सवालों का जवाब चाहिए। इसीलिए हम कहते हैं कि मौका परस्ती की सियासत करने वाले नेता आज 370 खत्म करने का विरोध न ही करें तो अच्छा है वर्ना दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जब कहते हैं कि तीन परिवारों ने संविधान की आड़ में 370 को लेकर बहुत लाभ हासिल किया है। तो वो कहीं भी गलत नहीं है। सचमुच एनएसए अजित डोभाल ने जो कुछ किया वह कमाल है। कर्त्तव्यपरायणता हो तो ऐसी हो, देश के हर अधिकारी को अपना काम देश की खातिर ऐसा ही करना चाहिए। हमारा तो बार-बार उन्हीं लोगों से सवाल है जो आज 370 को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अपने देश के हर राज्य का हर जर्रे-जर्रे का संविधान और विधान एक ही होना चाहिए तो बताइये इसमें गलत क्या है। धारा 370 की आड़ में कश्मीर घाटी के लोकल लोगों ने अगर पत्थर फेंकने का काम शुरू किया सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के खून से होली खेली गई और इन सबके प्रति लोकल लोग नफरत कर रहे थे तो इसके पीछे कहीं न कहीं पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के वो तत्व थे जो जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की जड़ को सींचने का काम कर रहे थे। हुर्रियत का विषैला पेड़ बड़ा हो चुका था, मोदी सरकार ने एक राजनीतिक प्रयोग वहां किया कि पीडीपी को समर्थन देकर वहां उसकी सरकार बना दी।
मैडम महबूबा ने अलगाववादियों, आतंकियों को जेलों से छुड़ाकर राष्ट्रीय धारा में लाने की बात कहकर और पत्थरबाजों के खिलाफ केस वापिस लेने के लिए मुहिम छेड़ दी। मोदी सरकार को राजनीतिक तौर पर और जमीनी स्तर पर जो कुछ भी वहां हो रहा था उसके बारे में अजित डोभाल पूरा फीडबैक दे रहे थे। बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान के आतंक प्रमोटर हुर्रियत के नेताओं के साथ मिलकर वही भाषा बोल रहे थे जो तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा चाहती थी लेकिन भाजपा ने एक ही झटके में समर्थन वापिस लिया तो महबूबा का जहरीला रूप सत्ता से हटते ही और भी भयानक हो गया।
धारा 370 या अन्य कोई सख्त कदम उठाना हो तो संविधान या कानून कभी ट्यूशन से नहीं डंडे से ही लागू होता है। आतंकवाद का खात्मा जरूरी था उन्हें जवाब देना जरूरी था। बाजारों और ट्रेनों में बम विस्फोटों का सिलसिला या लाल किला या संसद पर हमले पाकिस्तान के आतंकी प्रमोटरों के दम पर कश्मीर घाटी के आतंकी अपने काम को अंजाम दे रहे थे। धारा 370 के दुरुपयोग को रोकने के लिए आखिरकार पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने वह कर दिखाया जिसका देशवासी इंतजार कर रहे थे। अमरनाथ यात्रा को निशाने पर लिया हुआ था। कश्मीरियों की तबाही सबके सामने थी। सत्ता के दलालों ने कभी यह नहीं पूछा कि आजाद भारत में कश्मीर में अपना घरबार छोड़कर दिल्ली की कितनी बस्तियों में बेचारे कश्मीरी रह रहे हैं।
आखिरकार अब 370 समाप्त हो चुकी है तो सवाल खड़े करने वालों पर प्रहार करना जरूरी है। लोकतंत्र है लोकतंत्र में हर किसी को आवाज उठाने का हक है लेकिन सरकार के अच्छे काम को जो कि देश में एक जैसा कानून लागू करती है उस पर सवाल खड़े क्यों किये जा रहे हैं हमें इसका जवाब चाहिए। विपक्षी नेता इस बारे में सोच लें और सोच समझकर बोलें वर्ना आप अपने हाथ से बची-खुची वोटें और सीटें भी खो देंगे। देश के लिए मर मिटने वाली मोदी जी और शाह जी की जोड़ी उन्हें निपटा देगी और 2024 में भाजपा सफलता की एक और इबारत लिखेगी ऐसा विश्वास है।
Advertisement
Author Image

Aditya Chopra

View all posts

Aditya Chopra is well known for his phenomenal viral articles.

Advertisement
Advertisement
×