4 साल पहले मर चुकी मां को ज़िंदा दिखाकर बेच दिया प्लॉट
चार साल बाद भी मां को ज़िंदा दिखाकर हुआ प्लॉट का सौदा
हरियाणा के सोनीपत जिले में एक अधिकारी के मृत मां के नाम पर प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया है। मां की 2008 में मृत्यु के बावजूद 2012 में प्लॉट बेचा गया। इस मामले में शिकायतकर्ता के पिता समेत आठ लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने IPC की गंभीर धाराओं के तहत जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। नीति आयोग में कार्यरत एक अधिकारी को तब हैरानी हुई जब पता चला कि उनकी मृत मां के नाम से एक प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री कर दी गई है। हैरानी की बात यह है कि जिनकी मृत्यु साल 2008 में हो चुकी थी, उन्हें कागजों में जीवित दिखाकर 2012 में प्लॉट बेचा गया। इस मामले में खुद मृतका के पति यानी शिकायतकर्ता के पिता समेत आठ लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने IPC की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मां की 2008 में हो चुकी थी मृत्यु, फिर भी 2012 में करा दी गई रजिस्ट्री
शिकायतकर्ता अंकित यादव, जो नीति आयोग में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर हैं, ने बताया कि उनकी मां हेमलता यादव का निधन 4 दिसंबर 2008 को नई दिल्ली स्थित रॉकलैंड अस्पताल में हुआ था। वह दिल्ली के नांगलोई इलाके के निवासी हैं। मां के नाम गढ़ी केसरी (गन्नौर) में 250 गज का एक प्लॉट था, जिसकी रजिस्ट्री नंबर 3849 दिनांक 17 अक्टूबर 2012 को किसी कमला देवी के नाम पर कर दी गई — यानी मां की मौत के करीब 4 साल बाद।
पिता पर गंभीर आरोप, अन्य 7 लोग भी आरोपी
अंकित का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में उनके पिता धर्मबीर यादव की मुख्य भूमिका हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिता ने कमला देवी सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर किसी अन्य महिला को उनकी मां बताकर रजिस्ट्री करवा दी। इस मामले में धर्मबीर यादव, कमला देवी (दीप नगर), वेदप्रकाश, रामप्रसाद कौशिक (हरि नगर), शकुंतला नंबरदारनी (गढ़ी केसरी), बिजेंद्र, कृष्ण और सतबीर उर्फ जगन को आरोपी बनाया गया है।
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पुलिस जांच जारी, IPC की गंभीर धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पिता धर्मबीर यादव को दो बार नोटिस भेजा गया, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। वहीं, अन्य आरोपियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। अब गन्नौर थाना में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी), 120-B (साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस अब दस्तावेज़ी प्रमाण, गवाहों और जालसाजी की श्रृंखला की जांच कर रही है।