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मराठी भाषा विवाद से गरमाई महाराष्ट्र की सियासत, इस मंत्री ने सरकार के खिलाफ ही खोल दिया मोर्चा

03:26 PM Jul 08, 2025 IST | Amit Kumar
मराठी भाषा विवाद से गरमाई महाराष्ट्र की सियासत  इस मंत्री ने सरकार के खिलाफ ही खोल दिया मोर्चा
प्रताप सरनाईक

महाराष्ट्र में इन दिनों मराठी भाषा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. मराठी भाषा को अनिवार्य करने का जो फैसला पहले लिया गया था, उसे अब सरकार ने वापस ले लिया है. इसी के विरोध में शिवसेना (ठाकरे गुट) ने मुंबई के वर्ली डोम में एक बड़ी रैली की थी. इस रैली को जनता से अच्छा समर्थन मिला. इसके बाद अब सरकार में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) ने भी इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना नेता और राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि पुलिस को किसी एक पार्टी के जैसा काम नहीं करना चाहिए. उनका इशारा सीधे तौर पर बीजेपी की ओर था. सरनाईक ने यह भी कहा कि मीरा रोड में मराठी स्वाभिमान मोर्चा की रैली को पुलिस ने इजाजत नहीं दी, जबकि व्यापारियों को पहले रैली करने की मंजूरी मिल चुकी है.

प्रताप सरनाईक ने उठाए ये सवाल

उन्होंने सवाल उठाया कि जब व्यापारियों को रैली की अनुमति मिल सकती है, तो मराठी लोगों को क्यों नहीं? उन्होंने कहा, "मैं पहले मराठी हूं, बाद में मंत्री." उन्होंने पुलिस कमिश्नर से बात करके नाराजगी भी जताई और बताया कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे.

मनसे नेताओं की हिरासत

इस विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मनसे के ठाणे-पालघर जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव सहित कई कार्यकर्ता आज रैली निकालने वाले थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया.मनसे यह रैली व्यापारियों द्वारा किए गए विरोध के जवाब में निकालने जा रही थी. दरअसल, भायंदर इलाके में 1 जुलाई को एक प्रवासी दुकानदार से मराठी में बात न करने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिससे यह मामला और ज्यादा गरमा गया.

बीजेपी सांसद का तीखा बयान

अब इस विवाद में बीजेपी भी खुलकर सामने आ गई है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मराठी भाषियों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, "अगर आप अपने घर में खुद को बॉस समझते हो तो बिहार और यूपी आकर दिखाओ. वहां हम तुम्हें पटक-पटक कर मारेंगे."उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी में दम है, तो जैसे हिंदीभाषियों पर हमला करते हो, वैसे ही तमिल, तेलुगु या उर्दू बोलने वालों पर भी कर के दिखाओ. उन्होंने मराठी कार्यकर्ताओं की हरकतों को "घटिया" बताया.

यह भी पढ़ें-मुंबई में मनसे के विरोध प्रदर्शन को क्यों अनुमति नहीं? मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कारण

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