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जज के इंटरव्यू में पूछा सवाल-अगर गवर्नर की कार से हो जाए किसी की मौत तो कौन होगा जिम्मेदार?

जज बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। जिस तरह से आईएएस, आईपीएस के लिए तैयारी करते हैं उसी तरह से जज बनने के लिए भी वैसी तैयारी करनी पड़ती है।

09:46 AM Dec 04, 2019 IST | Desk Team

जज बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। जिस तरह से आईएएस, आईपीएस के लिए तैयारी करते हैं उसी तरह से जज बनने के लिए भी वैसी तैयारी करनी पड़ती है।

जज बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। जिस तरह से आईएएस, आईपीएस के लिए तैयारी करते हैं उसी तरह से जज बनने के लिए भी वैसी तैयारी करनी पड़ती है। जिस तरह से यूपीएससी की परीक्षा होती है उसी तरह से प्री, मेंस और इंटरव्यू जज बनने के लिए पहले क्लियर करना पड़ता है। 
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न्यायिक सेवा सिविल जज यानी जूनियर डिविजन परीक्षा पीसीएसज उन उम्मीदवारों ने पास और इंटरव्यू दिया उन्होंने कुछ सवालों के बारे में बताया। चलिए जानते हैं जज के इंटरव्यू में कैसे सवाल पूछ जाते हैं। 
जज इंटरव्यू में एक उम्मीदवार से सवाल पूछा गया कि एक आदमी की हत्या करने के लिए चार लोग गए। उन चारों में से एक ने उस आदमी को गोली मारकर हत्या की तो हत्या का केस किस पर होगा?
उम्मीदवार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, उन चार व्यक्तियों पर हत्या का केस चलेगा क्योंकि इस मामले में आईपीउसी 302 के साथ-साथ आईपीसी 34 यानी कॉमन इंटेंशन भी लग जाएगी। क्योंकि उस व्यक्ति को मारने की इंटेंशन चारों व्यक्तियों की थी। ऐसे में हत्या चारों मेें से कोई भी करे लेकिन केस चारों पर ही हत्या का चलेगा। 
एक ऐसा ही सवाल जज के इंटरव्यू में पूछा कि यदी कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने के बाद पुलिस स्टेशन जाकर अपने आपको सरेंडर कर दें तो ऐसे में उसे कौन सी सजा होगी?
इसका जवाब देते हुए कहा गया कि उस व्यक्ति को सजा नहीं होगी क्योंकि उसने सरेंडर कर दिया। हालांकि पूरे केस की जब पुलिस इन्वेस्टिगेशन करेगी और जैसे सबूत उसे मिलेंगे वैसे ही उस शख्स को सजा मिलेगी। क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि व्यक्ति किसी के दवाब में या लालच में आकर झूठी गवाही दे रहा हो। 
अगर इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि उस व्यक्ति ने ही हत्या की है तो उस पर हत्या का चार्ज लग जाएगा। हालांकि अगर यह पता चला कि उसने हत्या नहीं की है तब उसके ऊपर पुलिस को गुमराह करने का चार्ज लग जाएगा। 
जज के इंटरव्यू में पूछा गया कि अगर पत्नी नौकरी करती है तो क्या मेंटेनेंस अपने पति से ले सकती है या नहीं। इसका जवाब दिया कि, अगर कोर्ट में पति यह साबित कर सकता है कि पत्नी नौकरी करती है और सैलरी उसकी अच्छी है तो फिर वह मेंटेनेंस पति से नहीं मिल पाएगी। 
जज के इंटरव्यू में पूछा कि बार और बेंच क्या होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एडवोकेट को बार कहा जाता है और जज को बेंच कहते हैं। बार एडवोकेट के ग्रुप को कहते हैं आपने जरूर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के बारे में तो जरूर सुना ही होगा। बता दें कि  हर राज्य का एक बार होता है और उसे स्टेट बार काउंसिल कहते हैं। 
एडवोकेट पर नजर बार काउंसिल रखता है। अगर कोई भी एडवोकेट गलत काम कर देता है तो बार काउंसिल में उसकी शिकायत करते हैं। उसके बार बार काउंसिल उस एडवोकेट पर कार्रवाई करता है। अगर एडवोकेट ने कुछ भी गलत किया है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। सुनवाई करने वाले जजों को बेंच कहते हैं। 
जज के इंटरव्यू में पूछा गया कि अगर गर्वनर की गाड़ी से किसी की हत्या हो जाती है तो किसी पर केस होता है? इसका जवाब दिया, संविधान के आर्टिकल 361 में राज्यप्रमुख, गवर्नर और राष्ट्रपति को कुछ खास पॉवर दी गई हैं। उन्हीं पॉवर में से एक पॉवर ये है कि उनके ऊपर कोई क्रिमिनल केस नहीं चलेगा। 
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