Ultra Processed Food से डायबिटीज और कैंसर का खतरा! रिसर्च में बड़ा खुलासा
Ultra Processed Food : एक नए शोध के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स जैसे प्रोसेस्ड मीट, चीनी युक्त पेय और ट्रांस फैटी एसिड्स का कम मात्रा में नियमित सेवन भी डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के शोधकर्ताओं ने 'नेचर मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में बताया कि प्रोसेस्ड मीट का रोजाना 0.6 ग्राम से 57 ग्राम तक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम से कम 11 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा
वहीं, 0.78 ग्राम से 55 ग्राम प्रति दिन सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा 7 प्रतिशत अधिक हो सकता है। (Ultra Processed Food) इसके अलावा, 50 ग्राम प्रति दिन प्रोसेस्ड मीट खाने से इस्केमिक हृदय रोग (आईएचडी) का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा, 50 ग्राम प्रति दिन प्रोसेस्ड मीट खाने से इस्केमिक हृदय रोग (आईएचडी) का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
डायबिटीज का खतरा
शुगर-स्वीटन्ड बेवरेजेस का रोजाना 1.5 ग्राम से 390 ग्राम तक सेवन टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 8 प्रतिशत और हृदय रोग का खतरा 2 प्रतिशत बढ़ा सकता है। (Ultra Processed Food) शोधकर्ताओं ने बताया कि कम मात्रा में, यानी रोजाना एक सर्विंग या उससे कम खाने पर भी खतरा तेजी से बढ़ता है। यह शोध बताता है कि हमें प्रोसेस्ड मीट (जैसे पैकेट बंद मीट), मीठे पेय पदार्थ और ट्रांस फैट वाली चीजें कम खानी चाहिए। शोधकर्ताओं का कहना है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के लिए एक साथ मिलकर और सावधानी से स्वास्थ्य जांच का ढांचा बनाने की जरूरत है।
तेजी से बढ़ता है खतरा
निष्कर्षों से पता चला है कि इन फूड्स को जितनी भी मात्रा में खाया जाए, खतरा बढ़ता ही जाता है, और सबसे तेजी से खतरा तब बढ़ता है जब आप रोजाना थोड़ी मात्रा में भी इनका सेवन करते हैं। (Ultra Processed Food) पहले की कई रिसर्चों में भी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स, खासकर प्रोसेस्ड मीट, चीनी वाले ड्रिंक्स और ट्रांस फैटी एसिड का पुरानी बीमारियों के बढ़े हुए खतरे से संबंध बताया गया है।
2021 में दुनिया भर में लगभग 3 लाख मौतें
अनुमान है कि 2021 में दुनिया भर में लगभग 3 लाख मौतें प्रोसेस्ड मीट (Ultra Processed Food) वाले खान-पान की वजह से हुई, जबकि चीनी वाले ड्रिंक्स और ट्रांस फैट से भरपूर डाइट की वजह से लाखों लोगों को शारीरिक अक्षमता का सामना करना पड़ा। शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि प्रोसेस्ड मीट, चीनी युक्त पेय और ट्रांस फैटी एसिड्स का सेवन कम करने की जरूरत है। रिसर्चर्स ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रोसेस्ड मीट को स्मोकिंग, क्यूरिंग या केमिकल मिलाकर सुरक्षित रखा जाता है, जिसमें अक्सर एन-नाइट्रोसो एजेंट, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन और हेटेरोसाइक्लिक एमाइन जैसे तत्व होते हैं। ये सभी तत्व ट्यूमर (गांठ) बनने में मददगार होते हैं।