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30 वर्षों में वृद्धों में बढ़ा त्वचा कैंसर का खतरा

वृद्धों में त्वचा कैंसर के मामलों में तेज वृद्धि

05:09 AM May 25, 2025 IST | IANS

वृद्धों में त्वचा कैंसर के मामलों में तेज वृद्धि

30 वर्षों में वृद्धों में बढ़ा त्वचा कैंसर का खतरा

एक अध्ययन के अनुसार पिछले तीन दशकों में त्वचा कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर वृद्धों में ऐसे कैंसर के मामलों में तेज वृद्धि हुई है।चीन में चोंगकिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट एफिलिएटेड हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने उम्र बढ़ने के अलावा, जनसंख्या वृद्धि को भी इसके लिए बड़ा कारण बताया।अध्ययन में यह भी कहा गया है कि उच्च सामाजिक-जनसांख्यिकीय सूचकांक (एसडीआई) स्तर वाले देशों में त्वचा कैंसर का बोझ असमान रूप से अधिक है।

जेएएमए डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित शोधपत्र में टीम ने कहा, “वृद्ध आबादी (विशेष रूप से पुरुष और उच्च एसडीआई देशों में रहने वाले लोग) त्वचा कैंसर के बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि हमें ज्यादा जोखिम वाले लोगों को फोकस करते हुए प्लानिंग करनी होगी। साथ ही, कैंसर के इलाज और इसकी प्रभावी रोकथाम पर ध्यान देना अहम है।

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 2021 में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में दर्ज किए गए लगभग 4.4 मिलियन नए त्वचा कैंसर के मामलों मेलेनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और बेसल सेल कार्सिनोमा का विश्लेषण किया। यह डेटा 204 देशों और क्षेत्रों को कवर करने वाले ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज 2021 पर आधारित है

निष्कर्षों से पता चला है कि स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की घटना जो त्वचा पर कोशिकाओं की वृद्धि के रूप में शुरू होती है 1990 से 2021 तक प्रति वर्ष लगभग 2 प्रतिशत बढ़ी है। बेसल सेल कार्सिनोमा और और मेलेनोमा में भी तेजी देखी गई। ये दोनों त्वचा कैंसर के अलग-अलग प्रकार हैं।

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में 2021 में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में मेलेनोमा की दर सबसे अधिक दर्ज की गई। पूर्वी एशिया ने 1990 से 2021 तक बेसल सेल कार्सिनोमा के बोझ में सबसे तेजी से वृद्धि का अनुभव किया।

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शोधकर्ताओं ने कहा, “ये निष्कर्ष वृद्ध आबादी के बीच त्वचा कैंसर की बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए रोकथाम रणनीतियों को सही जगह टारगेट करने और संसाधनों के उचित उपयोग की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हैं।”

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