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प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी: बीरेन्द्र सिंह

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11:52 AM Aug 13, 2017 IST | Desk Team

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रोहतक: केन्द्रीय ईस्पात मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने प्रदेश सरकार पर शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज प्रदेश के स्कूल व कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, इससे शिक्षा की गुणवता में कैसे सुधार हो पाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए और आज के युग में शिक्षा से ही उन्नति संभव है। साथ ही उन्होंने भारत चीन विवाद को लेकर प्रतिक्रिया दी और कहा कि जल्द ही मामले को बातचीत के माध्यम से सुलझा लिया जाएगा। शनिवार को केन्द्रीय ईस्पात मंत्री बिरेन्द्र सिंह अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ सांपला स्थित छोटूराम महिला महाविद्यालय पहुंचे और कॉलेज प्रांगण में उन्होंने चौधरी छोटूराम की बडी प्रतिमा का अनावरण किया। केंद्रीय ईस्पात मंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले और वे रोजगार के क्षेत्र में आगे बढे तभी समाज व राष्ट्र का सर्वांगीण विकास सम्भव हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारे युवा खेलों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों मेंं भी अग्रणीय रहें है। प्रतिस्पर्धा के युग में विश्व स्तर पर मुकाबला करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी अव्वल बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी शिक्षा का प्रसार बढे जिसमें पहली कक्षा से प्रतिभा को छांटकर विकसित किया जा सकें। शिक्षा के क्षेत्र में आईएएस स्तर की शिक्षा लेने के लिए हमारे युवाओं को दिल्ली स्थित मुखर्जी नगर जाना पड़ता है। हम इस तरह की शिक्षा रोहतक व प्रदेश में भी मुहैया करवा सकते है, इसके लिए सरकार को भरपूर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेेश में कृषि क्षेत्र में पंजाब राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है लेकिन शिक्षा के कारण प्रतिभाओं को निखारने में दिक्कते पेश आ रही है। महिलाओं को इस तरह की शिक्षा मिले कि वे नौकरियों की तरफ न भागकर रोजगार देने वाली उद्यमशील महिला बनें। उन्होंने कहा कि सर छोटूराम ने देश की आजादी से पहले किसानों को आर्थिक आजादी दिलाने का काम किया।

सर छोटूराम की विचारधारा को आगे बढाने के लिए उद्योग व बाजार पर कब्जा करना है। उन्होंने कहा कि समाज में अग्रणीय बनकर उद्योगों के साथ-साथ बाजारीकरण पर भी अपना प्रभुत्व जमायें तभी सर छोटूराम के सपनों का भारत बनाया जा सकता है और किसान वर्ग को आर्थिक खुशहाली प्रदान की जा सकती है। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केन्द्रीय ईस्पात मंत्री ने भारत-चीन विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत देश की विदेश नीति ऐसी है कि हर विवाद का हल बातचीत के माध्यम से होना चाहिए। प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलहाकार अजीत डोभाल चीन गए थे और वहां पर बातचीत हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में चीन भारत बार्डर विवाद बातचीत के माध्यम से सुलझा जाएगा।

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