देश की शांति और तरक्की पर आतंकियों का साया
आतंकी संगठन देश में दहशत का माहौल कायम करने की फिराक में हैं। उनके निशाने…
आतंकी संगठन देश में दहशत का माहौल कायम करने की फिराक में हैं। उनके निशाने पर हिन्दुओं के प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा ऐसे धार्मिक-सामाजिक आयोजन हैं जिनमें भारी भीड़ जुटती है। हालिया घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुम्भ मेले में आंतकी संगठन बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते थे लेकिन सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों ने आंतकियों को गिरफ्तार किया है, जो महाकुंभ, राम मंदिर और अन्य अहम स्थलों पर दहशत फैलाने की तैयारी में थे। प्रयागराज में 45 दिन चले महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाश्विरात्रि के स्नान के साथ हो चुका है। महाकुम्भ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके साथ ही कई एजेंसियां भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काम कर रही थीं। महाकुंभ के समापन के 10 दिन बाद यूपी पुलिस ने एक युवक को कौशाम्बी से गिरफ्तार किया है जो महाकुंभ के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।
कौशाम्बी से बब्बर खालसा के आतंकी लजर मसीह की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उन्होंने बताया था कि आतंकी लजर लगातार पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के साथ सम्पर्क में था। पाकिस्तान में बैठे कुछ हैंडलर उसे लगातार ड्रोन से गोला-बारूद और असलहे भी भेज रहे थे। लजर यूपी के प्रयागराज जिले में संपन्न हुए महाकुंभ में कोई बड़ी आतंकी घटना करना चाहता था। इसके बाद आतंकी पुर्तगाल भागने की फिराक में था। हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी की वजह से आतंकी लजर कुछ नहीं कर पाया। महाकुंभ के दौरान लजर यूपी के कौशाम्बी, लखनऊ और कानपुर में रहा था। आरोपी का प्लान महाकुंभ में घटना को अंजाम देने के बाद पुर्तगाल जाने का था। वहीं 4 मार्च को गुजरात पुलिस की एटीएस और हरियाणा की एसटीएफ के एक ज्वाइंट ऑपरेशन में फरीदाबाद में पकड़े गए इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रांत यानी आईएस-केपी के आतंकी अब्दुल रहमान पर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अयोध्या के राम मंदिर पर हमला करने की साजिश के अलावा अब्दुल रहमान का इरादा प्रयागराज महाकुंभ में भी माहौल खराब करने का था लेकिन प्रयागराज में भारी पुलिस फोर्स के चलते अब्दुल रहमान का ये प्लान फेल हो गया था।
आईएसआई, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के बाद रहमान के रूप में अयोध्या के भीतर आईएस-केपी की ने भी दस्तक दे दी है। भारत से द्वेष रखने वाले आतंकी संगठन रामनगरी में आतंक की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। अयोध्या में अपने माड्यूल तैयार करने के पीछे इनका उद्देश्य राम जन्मभूमि के साथ बड़ी साजिश को अंजाम देना है। पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के संरक्षण में आतंकवादी संगठन कुछ स्थानीय मुस्लिम युवाओं को बहकाकर अपना नापाक मंसूबा पूरा करने की कुचेष्टा में लगे हुए हैं। आफताब के बाद रहमान की गिरफ्तारी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। मरकज और जमात के नाम पर इन्हें आतंकवाद का ककहरा सिखाया जा रहा है। राम जन्मभूमि को लेकर लगातार विभिन्न आतंकी संगठन अयोध्या में अशांति फैलाने की धमकी दे रहे हैं लेकिन अब यह आतंकी संगठन यहां अपनी जड़े फैलाने लगे हैं।
8 मार्च को यूपी एटीएस ने आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए हिजबुल मुजाहिदीन का फरार आतंकी उल्फत हुसैन मुरादाबाद से गिरफ्तार किया। इस आतंकी पर 25 हजार रुपए का इनाम था। गिरफ्तार किए गए आतंकी ने 1999 से 2000 के बीच पाकिस्तान से ट्रेनिंग ली थी, इसके बाद वह भारत आया था। आरोपी जम्मू- कश्मीर का रहने वाला है। बीते साल दिसंबर में पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग से सुरक्षा बलों ने कश्मीरी आतंकी जावेद अहमद मुंशी को गिरफ्तार किया था।
22 अगस्त 2024 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान के भिवाड़ी से अल-कायदा से प्रभावित होकर बने आतंकी मोड्यूल के 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। था। पकड़े गए 6 संदिग्धों की पहचान रांची निवासी हसन अंसारी, एनामुल अंसारी, अल्ताफ, अरशद खान, उमर फारूक और शहवाज अंसारी के रूप में हुई थी। मॉड्यूल में 20-25 युवक हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भिवाड़ी के जिन पहाड़ों में अल-कायदा का आतंकी ट्रेनिंग कैंप पकड़ा है वो बेहद संवेदनशील इलाका है। इसके 5 से 7 किलोमीटर के दायरे में भारतीय वायुसेना का प्रतिबंधित क्षेत्र और नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर है, जहां साल 2023 में दंगे हुए थे।
9 अगस्त, 2024 को दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएसआईएस के आतंकी रिजवान अली को अरेस्ट किया था। रिजवान का साथी शाहनवाज आलम झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है। दोनों यूपी, उत्तराखंड, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में नेटवर्क तैयार कर रहे थे। इन लोगों ने बसंती नाम की नर्सिंग स्टूडेंट का धर्म बदलवाकर अपने मॉड्यूल में शामिल किया था।
आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश में बैठकर फोन संदेशों के माध्यम से देश में आंतकी हमला और अशांति फैलाने की धमकियां देता रहता है। इसके अलावा यूपी, नोएडा, दिल्ली और अन्य शहरों में स्कूल, कॉलेज में बम रखे होने, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, रेलगाड़ी या फिर अन्य स्थान पर आंतकी हमला या बम रखे होने की धमकी ईमेल या लैटर के माध्यम से आती रहती हैं।
आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में भारी गिरावट आई है और जिसके कारण अब केवल पाकिस्तानी आतंकवादी ही सक्रिय हैं। स्थानीय आतंकवादी समूह का लगभग सफाया हो चुका है। 2024 में जम्मू-कश्मीर में 60 आतंकवादी घटनाओं में 32 नागरिक मारे गए और सुरक्षा बल के 26 जवान भी शहीद हुए।
बीते दिनों लंदन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा में जो चूक हुई है, वह कोई सामान्य घटना नहीं है। खामोश नहीं बैठा जा सकता और न ही बर्दाश्त किया जा सकता है, लिहाजा यह निंदनीय घटना है। कुछ भी हो सकता था। जो खालिस्तान-समर्थक विदेश मंत्री के काफिले तक कूद गया, वह सुनियोजित ढंग से हमला भी कर सकता था। यकीनन यह ब्रिटिश पुलिस की लापरवाही है। उस खालिस्तानी उग्रवादी ने भारतीय ध्वज ‘तिरंगे’ का भी अपमान किया। देश में विकास और समृद्धि तभी आएगी जब शांति का माहौल होगा। हमारे बढ़ते कदमों को रोकने के लिए ही आतंकी संगठन और दुश्मन देश आंतक का सहारा ले रहे हैं। सरकार की नीति और सुरक्षा बलों सतर्कता के चलते आंतकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पा रहे। ऐसे में लगातार असफलता से खीझे हुए आंतकी संगठन कोई नई तैयारी और योजना जरूर बनाएंगे, ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त निगरनी बरतने की जरूरत है।