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न्यूयाॅर्क मेयर के चुनाव में पहले भारत वंशी ममदानी की जीत के मायने

03:45 AM Nov 10, 2025 IST | Editorial

अमरीका की विविध संस्कृति वाले न्यूयाॅर्क शहर के मेयर पद के चुनाव में अपनी आक्रामक चुनाव शैली के जरिये न्यूयाॅर्कवासियों में उम्मीदें भरते हुये भारी बहुमत से चुनाव जीतने वाले 34 वर्षीय पहले भारत वंशी युवा ज़ोहरान ममदानी की जीत न केवल एक भारत वंशी, पहले दक्षिण-पूर्व एशियाई की जीत है, बल्कि कहा जा रहा है कि इस के लिए एक सीमा तक सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की असफल नीतियां भी जिम्मेवार हैं जिससे बड़ी तादाद में विशेषतौर पर न्यूयाॅर्क वासी त्रस्त आ चुके थे। आव्रजन नीति की वजह से विवादों का केंद्र बने ट्रंप पर चुनाव जीतते ही उन्होंने जिस तरह से ट्रंप की अन्य नीतियों के साथ ही आव्रजन नीति पर सीधा निशाना साधा और कहा कि न्यूयॉर्क अप्रवासियों का शहर रहा हैं, उन्होंने यह शहर बनाया और इसे उर्जा दी इस शहर का यह स्वरूप बना रहेगा, इस उद्घोषणा के जरिये ममदानी ने न केवल अपने समर्थकों के हर्षोल्लास भरी आवाजों के बीच एक बार फिर याद दिलाया कि उनके पिटारे में न्यूयॉर्क वासियों के लिए क्या-क्या है, जिसके क्रियान्वयन से उन सभी के जीवन को नई दिशा मिल सकती है कुछ समय पूर्व तक एक अनजान से चेहरे की इस विजय ने रिपब्लिकन पार्टी के साथ ही दुनियाभर की नजरें एक नई उत्सुकता जगा दी है। फिलिस्तीन के समर्थन में खुलकर आवाज उठाने वाले और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को युद्ध बंदियों जैसी सजा की मांग करने वाले ममदानी ने न केवल आव्रजन नीति के मंडराते खतरे, आर्थिक उथल-पुथल महंगाई और न उम्मीदी से घिरे न्यूयॉर्क वासियों में एक नया उत्साहभर दिया हैं। ममदानी ने न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर तथा हैवीवेट माने जाने वाले एंड्रयु क्योमो तथा रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार तथा एक अन्य दक्षिण एशियाई सी सिल्वा को पचास प्रतिशत से अधिक मतों से पराजित किया, जैसा कि विदेश नीति के एक जानकार का कहना है कि आर्थिक उथल-पुथल, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी आशा-निराशा, और घृणा स्पीच के दौर से गुजर रही अमेरिकी जनता को इस विजय ने न केवल अमेरिकी लोकतंत्र को मजबूत किया है बल्कि शहर को प्रेम और एकता से बांधा। इसी संदर्भ में ममदानी ने अपने विजय भाषण में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उद्धत करते हुये कहा" इतिहास में विरले ही ऐसे क्षण आते हैं जबकि हम पुराने दौर से निकल कर नई दिशा की प्रवेश करते हैं, जबकि लंबे अर्से तक दबी किसी राष्ट्र की आत्मा को आवाज मिलती है। आज रात हम पुराने से निकल कर ऐसे ही नये दौर में प्रवेश कर रहे हैं। उनका यह उदाहरण उनके भविष्य की कार्य प्रणाली का रोड मेप माना जा सकता है। अहम बात यह भी है कि इस चुनाव में सिर्फ ममदानी ही नहीं बल्कि दो अन्य एशियाई मूल के आफताब पुरेवाल दोबारा सिन्सिनैटी के मेयर निर्वाचित हुये साथ ही गजाला हाशमी वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर चुनी गई जो कि अमरीकी राजनीतिं में दक्षिण एशियायियों की अहम विजय मानी जा रही है। ममदानी पंजाब में जन्मी भारतीय मूल की मशहूर फिल्म निर्देशक मीरा नायर के पुत्र हैं जबकि उनके पिता भारतीय मूल के मुस्लिम हैं, उनके पुरखे मूलतः गुजरात से हैं। उनके पिता जाने-माने शिक्षाविद् और विद्वान है, बाद में युगांडा चले गये। मीरा नायर की सलाम बोम्बे सहित भारतीय कथानक से जुड़ी फिल्मों ने आम और खास जन के बीच काफी लोकप्रिय रही है। इस चुनाव प्रचार में ममदानी ने चर्च, मस्जिद गुरुद्वारा सहित सहित सभी धार्मिक स्थलों के दर्शन कर एकजुटता और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया। मतदाताओं के साथ जुड़ने के लिए हिंदी के साथ भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषों के अलावा विदेशी मतदाताओं के साथ उनकी पत्नी यानी रमा दुवाजी सीरियायी मूल की हैं कहा जा रहा था कि उन्होंने जानबूझकर अपने चुनाव प्रचार से रमा दुवाजी को दूर रखा है, क्योंकि वो सीरियाई मूल की हैं फ़लस्तीन समर्थक हैं। ममदानी का घोषणापत्र कई प्रगतिशील योजनाओं पर आधारित है, दरअसल उन का चुनाव अभियान रोटी, कपड़ा, मकान और मुफ्त बस सेवा के साथ ही भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने पर आधारित रहा। अपने अभियान में वह बार-बार आम लोगों की आवाज बनने का वादा कर रहे हैं। न्यूयॉर्क जैसे अति महंगे शहर में आर्थिक अस्थिरता की मार झेल रहे न्यूयॉर्क वासियों के लिए यह उम्मीदों वाला चुनाव प्रचार था, इसी संदर्भ में याद करें तो उनकी इस टिप्पणी से काफी कुछ उनके काम करने की शैली का पता चलता है कि जबकि एक चुनाव सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन पाने के लिए क्या बदलाव ज़रूरी होंगे? यह पोस्ट वायरल हो गई, जिसमें मुफ्त बस सेवा सभी के बच्चों की देखभाल मुफ्त, नगर निगम की ओर से सरकार द्वारा संचालित दुकानें किफायती आवास इन सभी योजनाओं के लिए फंड अमीरों पर नए टैक्स लगाकर जुटाने की बात कहीं गई है। मतदाताओं के लिए ममदानी का खास संदेश था इस शहर को एक ऐसा शहर बनाया जाए जिसमें रहना सभी एफोर्ड कर सकें।
ममदानी ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा भी न्यूयॉर्क एक ऐसा शहर है जहां हर चार में से एक व्यक्ति गरीबी में जी रहा है और जहां पांच लाख बच्चे हर रात भूखे सोते हैं।
जिस तरह से ममदानी ने अपने चुनाव अभियान में इन मुद्दों को ले कर निरंतरता पर विश्वास बनाये रखा, जनता का उन पर विश्वास बनता चलता गया।
जोहरान अपने चुनाव प्रचार के मुद्दों बल्कि हमास, फलस्तीन समर्थक जैसी टिप्पणियों को लेकर चर्चाओं के साथ-साथ विवादों का केन्द्र रहे हैं लेकिन उनकी जन सभाओं में जिस तरह से न्यूयॉर्क में बसे सभी देशों के मूल के युवाओं के सहित स्थानीय न्यूयॉर्क वासियों की भीड़ देखी जा रही थी वह ही विजय में तब्दील हुई, जोहरान का चुनाव प्रचार हिंदी फिल्मों के डॉयलॉग से अछूता नहीं रहा दिलचस्प बात यह है अक्सर वे भारतीयों, युवाओं को प्रभावित करने के लिए बॉलीवुड अभिनेता की तरह से डॉयलाग सुनाते हुये नजर आते, तो कभी-कभी हाथ से चावल खाने के वीडियो के जरिये बताते हैं कि उन की नाचते नजर आये जड़ें कहां से हैं, लेकिन उनके विरोधी इन्हें लोक लुभावन चुनाव शैली और सतही चुनावी वादे ही बता रहे हैं, निश्चय ही विरोधी उन्हें समझने में थोड़ी चूक कर गये।
बीस लाख की आबादी वाले इस शहर में मेयर के इस चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ निश्चय ही यह विजय अगले वर्ष के मध्यावधि चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है, जबकि इस विजय से रिपब्लिकन पार्टी को चुनाव से पहले नई गति मिल सकती है। ममदानी ने अपने विजय उत्सव में जिस तरह से ट्रंप पर सीधा निशाना साधते हुये कहा कि आगामी एक जनवरी को वे न्यूयॉर्क के गवर्नर पद की शपथ लेंगे अमेरिका में इस तरह की नई राजनीति विभाजित होते जा रहे समाज के लिए एक नई शुरूआत हो सकती हैं जिसके राजनीतिक रूप से क्या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, खास तौर पर ऐसे में जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि वे केवल इंडों अमेरिकी समुदाय के मेयर नहीं होंगे बल्कि न्यूयाॅर्क के ऐसे गवर्नर होंगे, जो ईंडो अमरीकी भी हैं' उनके विरोधियों का मानना है कि जोहरान सीमित अधिकार क्षेत्र के चलते वे ज्यादा कुछ कर नहीं पायेंगे, उनके समर्थकों का कहना है कि अमेरिकी राजनीति में उनका उदय एक करिश्मा है जो काफी कुछ काम करने का जज्बा रखते हैं, निश्चय ही उनके सम्मुख चुनौतियों बहुत हैं लेकिन संकरी तंग गली में वे उन वादों पर कैसे अमल करेंगे जो उन्होंने न्यूयॉर्क वासियों से किये हैं। न्यूयॉर्क के अब तक के सबसे युवा गवर्नर की कार्य प्रणाली पर न केवल न्यूयॉर्क वासियों की बल्कि अमरीका और दुनियाभर की निगाहें तो रहेंगी।

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