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सिख ज्यूडीशियम कमिशन ने जारी किया आदेश, ‘ पुस्तक गुरबिलास पातशाही छठी के प्रयोग व विरतण पर लगाई पाबंदी ’

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02:38 PM Mar 25, 2018 IST | Desk Team

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लुधियाना- अमृतसर : सिख गुरूद्वारा ज्यूडिशियल कमिशन ने श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती की ओर से संपादित पुस्तक गुरबिलास पातशाही छठी, पुस्तक के प्रयोग व वितरण पर पाबंदी के आदेश जारी कर दिए है। वही एसजीपीसी के कई पदाधिकारियों व पूर्व पदाधिकारियों को 12 अप्रैल के नोटिस जारी कर दिया है। आयोग ने कमिशन ने यह आदेश दल खालसा के किसान विंग के नेता बलदेव सिंह सिरसा की ओर से सिख ज्यूडीशियल कमिशन में इस पुस्तक में प्रकाशित सामग्री को लेकर दायर किए केस को मुख्य रखते हुए जारी किया है ।

ज्यूडीशियल कमिशन ने केस की सुनवाई के बाद एसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष कृपाल सिंह बडूंगर, पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब जोगिंदर सिंह वेदांती, भाई रंजीत सिंह , पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह , प्रो मंजीत सिंह , गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डा हरभजन सिंह सोच, जसवंत सिंह भूराकोहना, एसजीपीसी के पूर्व सचिव सुखदेव सिंह भौर, मौजूदा मुख्य सचिव डा रूप सिंह , दलीप सिंह मल्लूनंगल , एसजीपीसी के सदस्य अमरजीत सिंह चावला, प्रो बलकार सिंह आदि 17 व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए 12 अप्रैल को पेशी की अगली तिथि निश्चित की है।

मामले के संबंध में शिकायतकर्ता बलदेव सिंह सिरसा, अजीत सिंह और हरजीत सिंह निमाणा ने बताया कि एसजीपीसी की ओर से गुरू इतिहास और सिख सिद्धांतों के खिलाफ इस पुस्तक का प्रकाशन किया है। किताब में गुरू साहिब के संबंध में झूठी बाते प्रकाशित की गई है। इस किताब की पांडू लीपि का कोई भी लेखनक नही है। परंतु इस का संपादन ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती और डा अमरजीत सिंह ने किया है। प्रकाशक एसजीपीसी के पूर्व धर्म प्रचार सचिव सुरजीत सिंह है जो अब इस दुनिया में नही है। एसजीपीसी की गोल्डन प्रिंटिंग प्रेस से यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के 400 वें प्रकाशेात्सव को समर्पित है और इसे वर्ष 1998 में प्रकाशित किया गया है। इस किताब की जीएनडीयू के पूर्व वीसी डा हरभजन सिंह सोच, भाई रंजीत सिंह , आदि ने प्रशंसा की है।

उन्होंने बताया कि इस किताब में प्रकाशित तथ्यों के संबंध में एक कानूनी नोटिस भी पहले सभी एसजीपीसी के अधिकारियों को भेजा गया था। परंतु इस संबंधी कोई भी सार्थक जवाब न मिलने के कारण मामला सिख गुरूद्वारा ज्यूडीशियम कमिशन में दायर कर दिया गया। जिस पर विचार करने के बाद कमिशन ने 17 लोगों को नोटिस जारी कर दिया है।

– सुनीलराय कामरेड

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