जनहित मुददों से ध्यान भटकाने के लिए सूबा सरकार बेअदबी मामलों पर कर रही है सियासत- डॉ चीमा
अकाली-भाजपा सरकार के वक्त श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी होने के पश्चात कोटकपूरा में समूह सिख संगत द्वारा इंसाफ के लिए लगाए गए शांतमयी
लुधियाना-फरीदकोट : अकाली-भाजपा सरकार के वक्त श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी होने के पश्चात कोटकपूरा में समूह सिख संगत द्वारा इंसाफ के लिए लगाए गए शांतमयी धरने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के उपरांत बहिबल गांव में गोली चलने से 2 सिख नौजवान मारे थे।
उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए बनाई गई विशेष जांच टीम (सीट) के आगे पेश होने के पश्चात पूर्व अकाली केबिनेट मंत्री और प्रवक्ता शिरोमणि अकाली दल डॉ दलजीत सिंह चीमा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार जनहित मुददों से ध्यान भटकाने के लिए बेअदबी कांड पर सियासत कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है और वह अपनी नाकामियां छुपाने के लिए ऐसे मुददे बना रही है। जिनका कोई सिर-पैर नहीं है। डॉ चीमा ने यह भी दावा किया कि इसके बावजूद उनकी पार्टी द्वारा विशेष जांच टीम (सीट) से जांच के दौरान पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है और आज भी जो भी जानकारी ‘सीट ’ द्वारा मांगी गई है, उनके द्वारा उन्हें उपलब्ध करवाई गई है और उनके हर सवाल का पूरा जवाब दिया गया है।
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उधर ‘सीट ’ की अगुवाई कर रहे आईजी कंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि डॉ चीमा से जो भी सवाल पूछे गए है, उन्होंने तसल्लीबख्श जवाब दिए है। बेअदबी मामलों की जांच कर रही विशेष जांच टीम के सामने अकाली दल के वरिष्ठ आगु डॉ दलजीत सिंह चीमा आज फरीदकोट में पेश हुए।
इस दौरान डॉ चीमा से बेअदबी और गोलीकांड की जांच पड़ताल कर रही विशेष टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। एसआईटी ने उन्हें फरीदकोट के बेसकैंप में पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ पूरी होने के बाद चीमा ने बाहर आकर कुछ नहीं बताया परंतु कांग्रेस सरकार पर खूब निशाने साधे। स्मरण रहे कि इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत फिल्म अदाकार अक्षय कुमार व अन्य भी एसआईटी के सवालों के जवाब दे चुके है।
चीमा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार अकाली दल को बदनाम करके जनता को गुमराह करने में व्यस्त है। उन्होंने नशों के मुददों पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि चुनावों से पहले बड़े मगरमच्छों को दबोचने की बातें की जाती है लेकिन अब एडवाइजरी बोर्ड बनाकर समय गुजारा जा रहा है।
– सुनीलराय कामरेड