कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं कि चमकी बुखार का मौसम शुरू, खतरे में है सैकड़ों बच्चों की जान !
वीआईपी अध्यक्ष ने मंगलवार को चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मार्च का महीना आधा से अधिक बीत चुका है, लेकिन सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। उन्होंने दावा किया कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित एक बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
09:13 PM Mar 17, 2020 IST | Shera Rajput
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने मंगलवार को चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मार्च का महीना आधा से अधिक बीत चुका है, लेकिन सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। उन्होंने दावा किया कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित एक बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
सहनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘साल 2019 के मार्च-अप्रैल व मई के महीने में चमकी बुखार से बिहार में सैकड़ों मासूम बच्चों की जान चली गई थी। सरकार, प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही से उचित इलाज के अभाव में सैकड़ों बच्चों ने दम तोड़ दिया था। उस समय सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादे किए गए थे, मगर नतीजा हवा हवाई ही रहा।’
उन्होंने कहा कि ‘मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया है। तेज बुखार के बाद चमकी आने की समस्या पर रविवार को कांटी के रामपुर लक्ष्मी निवासी मोजन सहनी के पुत्र सन्नी कुमार को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।’
उन्होंने पिछले वर्ष चमकी बुखार के बाद युवा समाजसेवियों के एक दल द्वारा जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘वर्ष 2019 में चमकी बुखार से प्रभावित परिवारों में मुख्यत: दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। 27़ 8 फीसदी बच्चे महादलित, 10़1 फीसदी दलित, 32़ 2 फीसदी पिछड़ा समुदाय, 16़ 3 फीसदी अति पिछड़ा व 10़1 फीसदी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से थे। इसमें सामान्य श्रेणी के बच्चों की संख्या महज 3़ 5 फीसदी थी। साथ ही प्रभावित परिवारों में 45़ 5 फीसदी परिवारों की आय 5000 रुपये से भी कम थी।’
सहनी ने आरोप लगाया, ‘बीमार बच्चों में 58़1 फीसदी को ही जेई का टीका लगाया गया था। इससे साफ जाहिर होता है कि चमकी बुखार से पीड़ित परिवार मुख्य रूप से समाज का पिछड़ा तथा गरीब तबका था। इसमें से 22 फीसदी परिवार का नाम पंचायतों के बीपीएल सूची से भी गायब था।’
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के एक-एक बच्चे की जान कीमती है। मगर विज्ञापनों और जुमलों वाली नीतीश सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ जनता को धोखे में रखकर चुनाव जीतने पर है।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग को तुरंत इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि बीते वर्ष से सबक लेते हुए इस साल चमकी बुखार से निपटने के लिए किस तरह के स्वास्थ्य इंतजाम किए गए हैं?’
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