Delhi में बाढ़ का खतरा! मानसून से पहले बढ़ने लगा इस नदी का जलस्तर
Delhi : पिछले कई दिनों से देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. ऐसे में पहाड़ों पर बारिश कहर बरपा रही है. यहां बादल फटने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं. इस बीच दिल्ली (Delhi) के लिए भी एक बुरी खबर आई है. दिल्ली में अभी मानसून ने दस्तक नहीं दी है और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. यह जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो दिल्ली में बाढ़ की समस्या हो सकती है.
खतरे के निशान पर यमुना
आज गुरुवार को यमुना 203.2 मीटर तक पहुंच गई है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है यानी यमुना का पानी खतरे के निशान के बेहद पास पहुंच गई है। दोपहर 1 बजे के आसपास यमुना का जलस्तर 203.2 मीटर मापा गया. जबकि चेतावनी का जलस्तर 204.5 मीटर है और खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है. फिलहाल यह लेवल खतरे और चेतावनी लेवल से कम है।
दिल्ली के इस इलाके में खतरा
हिमाचल समेत कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है। इस कारण से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से हर घंटे 20,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे खतरा है कि दिल्ली (Delhi) के निचले हिस्सों में बाढ़ के आसार हैं। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी अच्छी बारिश होनी बाकी है और बारिश हुई तो यह स्थिति और खराब हो सकती है। पहाड़ों पर भी बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है। जो हालात को और बिगाड़ सकता है।
दिल्ली में कब-कब बिगड़े हालात?
साल 1978 का वो समय जब दिल्ली (Delhi) में भयंकर बाढ़ आई थी और कई इलाके में पानी भरने की समस्या हुई जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए थे। इस दौरान कई पॉस इलाके भी पूरी तरह से पानी में डूब गए थे और लोगों के घरों में पानी घुस गया था। इस दौर में फसल बर्बाद हो गई थी, किसानों को काफी नुकसान हुआ था। लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए थे।
साल 2010 वो समय आया जब दिल्ली एक बार फिर डूब गई। यमुना में 2 लाख 26 हज़ार 535 क्यूसेक पानी आया था जिससे बाढ़ के हालात बने। इस दौरान दिल्ली ही नहीं नोएडा भी अधिक प्रभावित हुआ था। इसका मुख्य कारण था दिल्ली में बहने वाली यमुना और नालों का नोएडा होकर गुजरना। इस दौरान नोएडा के कई सेक्टर और गांव पानी में डूब गए थे।
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