Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

शांति का राग और परमाणु परीक्षण !

05:30 AM Nov 04, 2025 IST | विजय दर्डा

एक पुरानी कहावत है कि आप अपने असली चेहरे को कितना भी छिपाने की कोशिश करें, एक दिन वह सामने आ ही जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ भी यही हुआ है, अभी तक वे शांति का राग कुछ इस तरह अलाप रहे थे जैसे कि उनसे बढ़कर शांति का मसीहा कोई और अब तक पैदा ही नहीं हुआ है लेकिन रूस ने परमाणु संचालित मिसाइल का परीक्षण क्या कर लिया, ट्रम्प ने तो सीधे परमाणु परीक्षण के ही आदेश दे दिए। शांति का राग महज दिखावा साबित हुआ। ट्रम्प लगातार कहते रहे हैं कि वे दुनिया से अशांति खत्म करना चाहते हैं। वे दावे भी करते रहे हैं कि उन्होंने कई युद्ध खत्म कराए हैं, मगर हकीकत कुछ और ही है। भारत-पाकिस्तान के बीच जंग खत्म कराने का उनका दावा झूठा साबित हुआ। कांगो और रवांडा के बीच भी जंग खत्म नहीं हुई है। मिस्र और इथोपिया के बीच कोई जंग थी ही नहीं, केवल पानी को लेकर कुछ विवाद था। सर्बिया और कोसोवो में तनातनी बनी हुई है।

कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद में शांति है लेकिन युद्ध खत्म नहीं हुआ है। इजराइल और हमास के बीच शांति समझौता हुआ लेकिन इजराइल ने फिर भी कई हमले किए हैं। पिछले सप्ताह ही गाजा में सौ से ज्यादा लोग मारे गए। ट्रम्प इजराइल की तरफदारी कर रहे हैं और हमास ने बात नहीं मानी तो उस पर हमले की चेतावनी भी दे रहे हैं। हर किसी के मन में यही सवाल है कि ट्रम्प शांति का यह कैसा राग अलाप रहे हैं? इस राग में तो अशांति छिपी नजर आती है। मगर रूस की एक चाल ने ट्रम्प के राग शांति की पोल खोल कर रख दी। हुआ यह कि रूस ने परमाणु ऊर्जा से संचालित खास तरह की मिसाइल का परीक्षण किया जो करीब 15 घंटे हवा में थी और इस दौरान कई बार उसकी दिशा बदली गई। इस मिसाइल पर परमाणु वार हेड लगाया जा सकता है और यह मिसाइल इतनी चालाक है कि वह हर तरह के रडार को चकमा दे सकती है। यानी ये मिसाइल अचूक है, वैसे तो रूस ने इस तरह की मिसाइल की घोषणा 2018 में ही कर दी थी और 2023 में पुतिन ने इसके परीक्षण की सफलता का दावा भी कर दिया था लेकिन पश्चिम के देशों ने इसे रूस का केवल दावा करार दिया था, अब रूस ने फिर से परीक्षण कर दिया तो अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों, खासकर नाटो की तो जान ही सूख गई। अमेरिका यह कैसे बर्दाश्त कर सकता है कि हथियारों की होड़ में रूस उससे आगे निकल जाए?

डोनाल्ड ट्रम्प तत्काल मैदान में आ गए और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ वार को उन्होंने फिर से परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। लगे हाथ उन्होंने यह दावा भी कर दिया कि अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश के मुकाबले ज्यादा परमाणु हथियार हैं! यह उपलब्धि भी उनके पहले कार्यकाल में हासिल हुई थी। तो सवाल उठता है कि यदि पहले से ही आपके पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं तो फिर नए सिरे से परीक्षण की जरूरत क्या है? दरअसल सबसे ज्यादा परमाणु हथियार होने का उनका दावा सच के करीब नहीं है। 2022 में फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट ने बताया था कि रूस के पास 5977, अमेरिका के पास 5428, चीन के पास 350, फ्रांस के पास 290 तथा ब्रिटेन के पास 225 परमाणु हथियार हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 160, इजराइल के पास 90 तथा उत्तर कोरिया के पास 20 परमाणु हथियार हैं। ट्रम्प को यह बात खटक रही होगी कि परमाणु हथियारों के नंबर गेम में वे पुतिन से पीछे क्यों हैं? इसीलिए उन्होंने फिर से परमाणु परीक्षण के आदेश दिए हैं ताकि पहले से भी ज्यादा विनाशक हथियार अमेरिका तैयार कर सके। ट्रम्प यह जानते हैं कि अश्वमेध का जो घोड़ा लेकर वे निकले हैं, उसकी लगाम पुतिन ने पकड़ ली है और ट्रम्प कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं, वे चाह कर भी यूक्रेन को घातक अमेरिकी मिसाइलें नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि पुतिन ने बड़ी साफ धमकी दे रखी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में यदि अमेरिका कूदा तो अंजाम बहुत बुरा होगा। पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नीति भी बदल दी है।

इस नीति की व्याख्या कुछ इस तरह की जा सकती है कि अमेरिका यदि घातक मिसाइलें यूक्रेन को देता है और उससे रूस पर हमला होता है तो रूस यह मानेगा कि हमले में अमेरिका भी शामिल है। रूस की नई परमाणु नीति यह भी कहती है कि रूस पर मिसाइल, ड्रोन और हवाई हमले यदि हो रहे हैं तो रूस परमाणु हथियारों से जवाब दे सकता है। नीतियों में इस बदलाव के बाद पुतिन ने तो यहां तक कह दिया कि रूस परमाणु हमले के लिए तैयार है। यही कारण है कि ट्रम्प कितनी भी बहादुरी दिखाने की कोशिश करें लेकिन पुतिन के इस फैसले ने उन्हें बगलें झांकने के लिए मजबूर कर दिया है, वैसे यह मान कर चलिए कि मौजूदा हालात में कोई भी देश कभी भी परमाणु हमले की बात सोच भी नहीं सकता क्योंकि ऐसा हुआ तो दुनिया तबाह हो जाएगी। यह केवल डराने और धमकाने का तरीका है, लेकिन इस तरीके ने ट्रम्प के राग शांति की असलियत की पोल खोल कर रख दी है। हथियारों के सौदागर वाला अमेरिकी चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने है।
और अंत में...

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट चौंकाने वाली तो नहीं है लेकिन चिंतित करने वाली जरूर है। हम सभी यह जानते हैं कि भारतभर की नदियां प्रदूषण का दंश झेल रही हैं लेकिन इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदूषित नदियों की सूची में सबसे ज्यादा 54 नदियां महाराष्ट्र की हैं। राज्यसभा में अपने कार्यकाल के दौरान संसद की पर्यावरण कमेटी के सदस्य के रूप में हमने नदियों का हाल जानने के लिए व्यापक दौरा किया था और एक रिपोर्ट भी सरकार को दी थी कि नदियां बेहाल हैं तथा शहरों के नाले भी खतरे में हैं, तब से लेकर हालात बहुत नहीं बदले हैं। महाराष्ट्र की नदियों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खासतौर पर ध्यान देना होगा। कहते हैं कि जब एक नदी मरती है तो उस पूरे इलाके के जनजीवन पर गहरा और घातक असर होता है, जो नदियां बची हैं, क्या उन्हें बचाने के लिए हम अपने स्तर पर कुछ कर रहे हैं? सवाल गंभीर है, विचार जरूर कीजिएगा।

Advertisement
Advertisement
Next Article