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पंजाब की सडक़ों पर संघर्ष करने वाले अकालियों के विरोध में उतरा यूनाइटेड अकाली दल

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01:51 PM Dec 14, 2017 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर : पिछले दिनों पंजाब की सडक़ों को रोककर ट्रेफिक रोकने वाले शिरोमणि अकाली दल के विरूद्ध पंजाब सरकार द्वारा दर्ज केसों को गैर क़ानूनी बताकर खारिज करवाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पाटीशन लगाने वाले शिरोमणि अकाली दल बादल के खिलाफ बरगाडी के वक्त दर्ज किए गए झूठे मामलों के रोष स्वरूप यूनाइटेड अकाली दल के महासचिव ने बादल दल का विरोध करते हुए हाइकोर्ट में एक वकील खड़ा करके अदालत को निवेदन किया है कि अगर बरगाडी कांड के दर्ज मुकदमे अभी तक खारिज नहीं किए गए तो बादल दलों ने भी सडक़ रोककर आम लोगों के लिए मुश्किलें पैदा की थी और इनके दर्ज केस खारिज करने की बजाए अदालत दोषियेां को बिना किसी देरी के जेल की सलाखों के पीछे भेजकर इंसाफ करें।

भाई परमजीत सिंह जिजयानी ने कहा कि उन्होंने यह कदम सियासत से ऊपर उठकर मानवता के पक्ष में उठाया है क्योकि बिना किसी ठोस कारनों के अकालियों ने यातायात अवरूद्ध करके लोगों की आवाजाही को परेशान किया और इनके विरूद्ध दर्ज केसों को लेकर सुखबीर सिंह बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया समेत उनके सभी अकाली आगुओं को जेलों में बंद किया जाएं। उन्होंने कहा कि बरगाडी कांड के वक्त संत महापुरूषों और पंथ के हितेषियों ने सडक़ों के एक तरफ बैठकर सिर्फ अपने गुरू की हुई बेअदबी को लेकर रोष प्रकट करते इंसाफ की मांग की थी।

उन्होंने कहा कि बादल की सरकार की पुलिस ने निहत्थे और गुरबाणी का जाप कर रहे संगत पर लाठियां और गंदे पानी से भरे टंैकरों के द्वारा पानी की बौछार करके कईयों को जख्मी किया था जबकि इस दौरान पुलिस ने गोली चलाकर 2 सिंहों को शहीद और सैकड़ों को घायल किया। उन्होंने यह भी कहा कि हद तो तब हो गई जब अस्पतालों में दाखिल घायलों का इलाज करवाने गए जख्मियों को अस्पताल के मालिकों के विरूद्ध मामला दर्ज करवाने की धमकियां दी गई।

उन्होंने कहा कि अगर बरगाडी कांड के दौरान बिना किसी प्रकार के कानून की उल्लंघना करके शांतमयी रोष प्रकट कर रहे पंथक आगुओं को जेल भेजा जा सकता है तो फिर अकाली दल के आगुओं को जेल क्यों नहीं भेजा जा सकता? उन्होंने कहा कि निजी तौर पर अकालियों द्वारा केस रदद करने की डाली गई पाटीशन का विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील दलबीर सिंह फेरूमान को खड़ा किया गया है ताकि अकालियों की पाटीशन का डटकर विरोध किया जाएं और अकालियों को जेल भेजने के साथ बरगाडी कांड के पीडि़तों को सुकून मिल सकें। उन्होंने कहा कि इस केस की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।

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– सुनीलराय कामरेड 

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