पाक के खिलाफ पूरी दुनिया मोदी के साथ
यह सच सदा से जगजाहिर है कि जिस देश की कमान थल सेना…
यह सच सदा से जगजाहिर है कि जिस देश की कमान थल सेना, वायु सेना अथवा नौसेना के फ़ौजियों के पास रही है, वे कभी नहीं पनपे और सदा ही उनका राज-काज इन सैनिकों व उनकी आईएसआई जैसी नफ़रतआमेज एजेंसियों की लौंडी-बांदी बन कर रह गया, जैसा कि आज के पाकिस्तान में देख रहे हैं। जबकि भारत और पाकिस्तान दोनों को आज़ादी एक साथ ही मिली थी, मगर भारत शांति के रास्ते पर चल चांद और सूरज की सीमाओं के भीतर चला गया, जबकि पाकिस्तान आज भी अपने आतंकवादियों द्वारा भारत की सरहदों में सेंध मारने की कोशिश कर रहा है और निरंतर मुंह की तो खा ही रहा है, संसार में बदनाम हो रहा है।
आज भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ न केवल राष्ट्रपति ट्रंप, राष्ट्रपति पुतिन, किंग सलमान और इमैनुएल मैक्रों, बल्कि पूर्ण संसार खड़ा हुआ है। इसका कारण है कि पाकिस्तान का विरोध न केवल आतंकवाद के कारण, बल्कि इस कारण भी हो रहा है कि पाकिस्तान के बेलगाम और नादान सेना उच्चायुक्त, आसिम मुनीर ने भारत में सिविल वार कराने के लिए ऐसी शैतानी साज़िश रचने का वीभत्स प्रयास किया है जिससे हिंदू और मुस्लिम आपस में खूंरेज़ी पर उतर कर एक-दूसरे का खून बहाएं। घमंड में डूबे आसिम मुनीर ने इस्लाम की आयत, “लेकुम दीनोकुम/वले यदीन” (हमें हमारा दीन मुबारक/ तुम्हें तुम्हारा दीन मुबारक) से कोई सीख न लेते हुए, बिरादरान-ए-वतन, हिंदू भाईयों के विरुद्ध, यह कहते हुए ज़हर उगला कि वे मुस्लिमों से बहुत अलग और दूर हैं, जो कि सरासर हैवानी और शैतानी काम है क्योंकि सदियों से हिंदू और मुस्लिम दूध और शक्कर की भांति भारत की साझा विरासत और गंगा-जमुनी तहज़ीब द्वारा एक साथ रहते चले आए हैं और सच्ची बात तो यह है कि हिंदू, मुसलमानों की जान, आन-बान और शान हैं।
घटिया और लंपटवादी मानसिकता से चूर आसिम के इस ज़हरीले बयान ने साबित कर दिया कि वह इस्लाम और मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन है। दुनिया में ही नहीं, हद तो यह है कि पाकिस्तान तक में कुछ सदाचारी लोग भी उस पर लानत भेज रहे हैं। इस बात का प्रमाण कि वह प्री प्लांड पहलगाम आतंकवादी घटना का सरगना और आक़ा है, उसकी ज़हरीली थियरी के उगलने के कुछ रोज़ बाद ही आसिम के गुर्गों के द्वारा 26 हिंदुओं की िनर्मम हत्या कर दी गई। और हां, शर्म से डूब मरना चाहिए शहबाज को, जो अपने नाम के आगे ‘शरीफ़’ तो लगाता है मगर वास्तव में परले दर्जे का नीच व्यक्ति है, जो भारत के साथ सहयोग न करने की बजाय हमें धमकियां दे रहा है।
पहलगाम में हुए अतिवादी व वीभत्स आतंकी हमले में जिस प्रकार से 26 बेगुनाह सैलानियों की दिल दहला देने वाली निर्मम हत्या हुई है उससे पूरी दुनिया हिल गई है। मासूम हिंदू सैलानियों को उनके धर्म की बुनियाद पर मार दिया गया कि न तो वे कलमा सुना पाए और न ही इस्लामी पद्धति के अनुसार उनका खतना हुआ था। मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा पहली बार देखने में आया। इस प्रकार की शैतानी घटना कहीं भी हो, वह जघन्य पाप है। वैसे, पूर्ण विपक्ष भी आज देश के साथ खड़ा है। आज पूरा देश, मोदी के कंधे से कंधा मिलाए खड़ा है, जैसे कि 1971 की बंगलादेश जंग में इंदिरा गांधी के साथ था, जिन्होंने पूर्वी पाकिस्तान की नली काट दी थी, ऐसे ही आज पीएम मोदी जी से भारत की जनता आशा लगाए बैठी है कि इंशाल्लाह बचे हुए ‘बाकिस्तान’ की नली वे काट देंगे।
बीती 22 अप्रैल को अपने पाकिस्तानी आकाओं की शह पर एम-4-कार्बाइन और एके-47 लेकर हमलावर पर्यटक स्थल में घुसे जो घने देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है। बचे लोगों के अनुसार, हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों को अलग किया और पुरुषों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा, उन्हें कलमा की इस्लामी आयत सुनाने के लिए कहा। मारे गए 26 लोगों में से 25 पर्यटक थे, जबकि एक स्थानीय मुस्लिम टट्टू संचालक था जिसने हमलावरों से बंदूक छीनने की कोशिश की थी। मारे गए सभी पर्यटक हिंदू थे, एक को छोड़कर जिसकी पहचान ईसाई के रूप में हुई।
इस हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है जिससे कूटनीतिक संकट पैदा हो गया। भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और सीमाओं को बंद कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के आरोपों का खंडन किया और शिमला समझौते को निलंबित करके, व्यापार को प्रतिबंधित करके और हवाई क्षेत्र को बंद करके जवाबी कार्रवाई की। भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच नियंत्रण रेखा पर 24 अप्रैल को झड़पें शुरू हो चुकी हैं जो किसी भी समय जंग में परिवर्तित हो सकती हैं।
वैसे इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान की बुनियाद ही भारत दुश्मनी पर पड़ी और आज तक क़ायम है। यदि विभाजन के बाद पाकिस्तान अपने को अच्छा पड़ोसी मान कर चलता तो भारत की तरह ही विकसित होता, मगर बजाय भारत से तालमेल के दुर्भावना के चलते, उसका सर्वनाश हो चुका है। जैसा कि एक बार पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान व प्रधानमंत्री इमरान खान ने लेखक को एक साक्षात्कार में 2012 में बताया था कि भारत-पाक को कश्मीर के ‘बैक बर्नर’ पर रख, शिक्षा, खेलकूद, तिजारत, चिकित्सा, साझा विरासत व गंगा- जमुनी तहज़ीब के अंतर्गत आपसी आर-जार रखें, मगर इस जंगली देश में अधिकतर जनरलों द्वारा राज किए जाने के कारण यह एक बूचड़खाना बन चुका है, जहां इसकी गरीब जनता तक फ़ौज और आईएसआई के ज़ुल्म से पस्त है। पाकिस्तान के नाम से बना यह देश विश्व का सबसे नापाक देश है। जो जघन्य अपराध पाकिस्तानी हैंडलर्स ने किया है, उसके लिए अल्लाह का कहर उस पर नाज़िल होगा।