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देश के यूथ में है सेना में भर्ती का जुनून

दरअसल कोरोना ने पूरे देश और दुनिया को हिला कर रख दिया है। हर कोई संभलने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों और कड़ी चुनौतियों के बीच अपने आपको स्थापित किया है।

03:15 AM Mar 27, 2022 IST | Kiran Chopra

दरअसल कोरोना ने पूरे देश और दुनिया को हिला कर रख दिया है। हर कोई संभलने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों और कड़ी चुनौतियों के बीच अपने आपको स्थापित किया है।

देश के यूथ में है सेना में भर्ती का जुनून
दरअसल कोरोना ने पूरे देश और दुनिया को हिला कर रख दिया है। हर कोई संभलने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों और कड़ी चुनौतियों के बीच अपने आपको स्थापित किया है। परंतु जीवन के हर क्षेत्र में समस्याएं मुंह उठा रही हैं। यूथ की अपनी समस्याएं हैं। जब हम दुनिया के नक्शे पर भारत को देखते हैं तो अपने, देश को आगे बढ़ता देखना हर सच्चे भारतीय की हसरत हो सकती है और होनी भी चाहिए।
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देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक संभल चुकी है लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। आज भी देश में सेना और अर्द्धसैन्य बलों में भर्ती होने के लिए युवाओं में ललक है। जहां कहीं भर्ती का मौका मिलता है और शारीरिक टेस्ट के लिए युवाओं को बुलाया जाता है वह जम्मू-कश्मीर हो या असम, यूथ टूट पड़ते हैं। बेरोजगारी का अभिशाप झेल रहे यूथ को सेना में भर्ती की एक उम्मीद नजर आती है। इसीलिए इसका असर हम एनसीआर क्षेत्र में उस प्रदीप कुमार को भी देखते हैं जो 19 साल का युवक है। वह नोएडा के सैक्टर 16 में एक फूड-चैन से जुड़ा हुआ है। यहीं जो पैसे मिलते हैं वह उसकी कमाई है यही उसकी नौकरी है। परंतु उत्तराखंड के इस युवक ने ठान रखा है कि वह आर्मी में ज्वाइन करके दिखायेगा। इसके लिए वह हर रोज रात को दस किलोमीटर दौड़ता है। उसके पीछे कारण वह यह बताता है कि आर्मी में भर्ती होने के लिए वह रोज रात को 10 बजे के बाद अपनी ड्यूटी ऑफ करता है। अपने रेस्तरां से ही बरोला में अपने घर आने के लिए वह दौड़ना शुरू करता है। ऐसा करने से उसकी फिजिकल प्रैैक्टिस पूरी होगी और नौकरी के लिए सेना में जब कभी रिक्रूटमेंट होगी तो वह शारीरिक रूप से ज्यादा फिट होगा। उसका यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि आज की तारीख में नब्बे लाख से ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं। नोएडा में अपने भाई के साथ रहते हुए उसे बमुश्किल दस हजार रुपये मिलते थे। बीमार मां का इलाज कराना और घर का खर्चा चलाना मुश्किल था परंतु लॉकडाउन लग गया और तब से अब तक उस पर पांच लाख से ज्यादा का कर्ज है। ग्रेजुएशन कर रहे इस युवक के लिए लोग दुआएं कर रहे हैं और उसका हौसला भी बढ़ा रहे हैं।
मैं एक समाजसेवी और वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब चलाने के साथ-साथ मां भी हूं और बच्चों विशेषकर यूथ की पीड़ा को समझ सकती हूं। इस युवा में कुछ कर दिखाने की ललक है। निश्चित रूप से हमारी सरकार संवेदनशील है जिसने बेटियों के लिए, महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है। तो अब देश के बेटों के लिए भी सरकार को ही कुछ करना होगा। यदि सेना या अर्द्धसैन्य  बलों में रिक्रूटमेंट जल्दी हो रहा है तो अच्छी बात वरना भर्ती का काम तेज होना चाहिए। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2020 में सरकार की सेना में भर्ती की योजना कम से कम 100 रिक्रूटमेंट रैलियां आयोजित करने की थी परंतु आंकड़े गवाह है कि सिर्फ 47 ही हो पायी और कई मामलों में कॉमन एंट्रेंस परीक्षा भी नहीं हुई। यह सब आंकड़े राज्यसभा में कई पूछे गये प्रश्नों पर आधारित थे। इस समय श्री राजनाथ सिंह जी के रूप में एक ऐसे रक्षामंत्री भारत सरकार के पास हैं जो बहुत संवेदनशील और जिम्मेवार हैं। जब दुनिया में सबसे ज्यादा यूथ भारत में पाए गए हैं तो फिर जो लोग सेना में भर्ती होने के लिए प्रदीप की तरह जुनूनी हैं तो उन्हें जल्द से जल्द मौका दिया जाना चाहिए।
इसमें कोई दो राय नहीं कि भारतीय सेना हर मौके और हर मोर्चे पर देशवासियों की सेवा कर रही है और पूरा देश इसी सेना के दम पर चैन की नींद सोता है। लेकिन हमारे देश में इसीलिए सेना में भर्ती होने के प्रति क्रेज भी बहुत ज्यादा है। मेरा यह रिसर्च वर्क है कि इस देश में विभिन्न सेनाओं और अर्द्धसैन्य  बलों से 50-60 हजार सैनिक हर वर्ष रिटायर होते हैं तो उनकी जगह पर आने वाले यूथ को भर्ती करने में कम से कम डेढ़ दो साल लग जाते होंगे तो किसी भी प्राथमिकता के आधार पर और देश की जरूरत के आधार पर यूथ को मौका मिलना चाहिए इसके कई फायदे होंगे। एक तो बेरोजगारी खत्म होगी और दूसरा प्रदीप जैसे प्रतिभावान लोगों को सेना में भर्ती का अवसर मिलेगा। हालांकि भर्ती का काम रूका नहीं है लेकिन कहीं न कहीं कोरोना ने अवरोधक तो खड़े किये ही हैं। यह हमारे रक्षामंत्री का ही कमाल है कि उन्होंने बेटियों को लड़ाकू विमान तक उड़ाने जैसे मुश्किल काम में ड्यूटी पर तैनात किया है। तो अब देश के बेटों की बारी है। उम्मीद है मोदी सरकार के जुझारू और कर्तव्यपरायण मंत्रियों में से एक राजनाथ जी अपने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की प्रेरणा से इस काम को भी आगे बढ़ायेंगे। गृहमंत्री के रूप में अमित शाह और एनएसए के रूप में अजीत डोभाल हर कदम पर उनके साथ चलेंगे यह मुझे ही नहीं पूरे देश को विश्वास है। लिहाजा देश के यूथ को सेना में उज्जवल भविष्य जल्दी मिलेगा यह विश्वास पूरे देश को है।
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Kiran Chopra

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